नई दिल्ली: राज्यसभा में तीन तलाक को अपराध बनाने वाले बिल को चर्चा और पास कराने के लिए लाया गया है। इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है। लोकसभा से बीती 26 जुलाई को यह बिल पास हो चुका है।
उच्च सदन के एजेंडे में आज कंपनी संशोधन बिल और राष्ट्रीय डिजायन संस्थान संशोधन बिल शामिल है। लोकसभा में आज उपभोक्ता संरक्षण बिल को विचार के लिए लाया गया, साथ ही मजदूरी संहिता बिल को भी सदन में विचार के लिए रखा जाएगा।
तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है क्योंकि 33 साल बाद आज यह सदन सामाजिक कुरीति को खत्म करने के लिए चर्चा कर रहा है। इससे पहले सदन ने शाहबानो पर कोर्ट के फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए चर्चा की थी। नकवी ने कहा कि आज कुरीति को खत्म करने के फैसले को प्रभावी बनाने के लिए चर्चा हो रही है।
नकवी ने कहा कि कुरीति का इस्लाम से क्या लेना-देना, इसे तो कई इस्लामिक देश गैर कानूनी और गैर इस्लामी बताकर खत्म कर चुके हैं। इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि देश ने मिलकर पहले भी कुरीतियों को खत्म किया है तब कोई हंगामा क्यों नहीं हुआ।
वहीँ कांग्रेस सांसद अमी याज्ञिक ने तीन तलाक पर सरकार के लाए बिल पर सवाल उठाते हुए पूछा। “आपने बच्चों की मनोवैज्ञानिक चिकित्सा के बारे में कोई प्रावधान नहीं रखा। माता-पिता जब कोर्ट में होंगे तब उन बच्चों का क्या होगा? मैं यहां इस बिल को सपॉर्ट करने आईं हूं। आप तत्काल तीन तलाक से महिलाओं को मुक्ति दिलाएं लेकिन, इसे आपराधिक मामला न बनाएं।