नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए आज गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति सुरेंद्र कुमार अपने शैक्षणिक दस्तावेजों के साथ स्वयं न्यायालय में उपस्थित हुए। उन पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर संवैधानिक पद हासिल करने का आरोप है।न्यायालय ने कुलपति को सभी पक्षों को स्व प्रमाणित (सेल्फ अटेस्टेड) सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने को कहा है। न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी और न्यायाधीश लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) से भी त्वरित जवाब देने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी। याचिका हरिद्वार निवासी डा. दीनानाथ शर्मा ने दायर की है।उन्होंने आरोप लगाया है कि कुलपति के सारे शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी है लिहाजा उनकी जांच करायी जाए। पूर्व में खंडपीठ ने उनके समस्त शैक्षणिक दस्तावेजों के साथ कुलपति को स्वयं कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे। दूसरी सुनवाई में हाईकोर्ट ने विधान सभा में अवैध नियुक्ति के मामले में अगली सुनवाई 13 नवम्बर की नियत की है।मामले के अनुसार बागेश्वर निवासी राजेश चन्दोला ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि वर्ष 2016 में कांग्रेस सरकार द्वारा विधानसभा में 158 पदों पर की गई नियुक्ति अवैध थी। जिसमें अपने चहेतों को नियुक्ति दी गई। यह नियुक्ति 16 दिसम्बर से 22 दिसम्बर 2016 के बीच की गयी। जो कि विधान सभा नियमावली का उल्लंघन है।जिसमें चपरासी से लेकर अपर सचिव, निजी सचिव के पदों पर नियुक्ति हुई थी। एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने महिला तकनीकी संस्था के निदेशक प्रो अलखनंदा अशोक की नियुक्ति को नियमविरुद्ध मानने संबंधित मामले में सरकार को अपर मुख्य सचिव कृषि के पत्र के आलोक में स्थिति स्पस्ट करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 दिसंबर की तिथि नियत की की है।