नई दिल्ली: संसद में बुधवार को नैनीताल से सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने जमरानी बांध का मुद्दा उठाया। जिससे एक बार फिर बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना को लेकर चर्चाएं शुरु हो गई है। भट्ट ने जमरानी बांध की मांग पर अपना पक्ष संसद में रखा और सरकार से अनुरोध किया कि, जल्द-से-जल्द इस परियोजना का निर्माण कार्य शुरु किया जाए। उन्होंने कहा कि, मेरा पूर्ण विश्वास है जल्द-से-जल्द सरकार इसे राष्ट्रीय प्रोजेक्ट में शामिल कर इसका निर्माण शुरू करेगी। इस दौरान सांसद अजय भट्ट ने कहा कि, यूपी और उत्तराखंड दोनों राज्यों के एमओयू साइन किए गए हैं। जमरानी बांध मिलने से नैनीताल के साथ ही तराई क्षेत्र में भी पेयजल किल्लत खत्म होगी।
बता दें कि लंबे जन आंदोलन के बाद वर्ष 1974 में केंद्रीय जल आयोग से जमरानी बांध परियोजना को मंजूरी मिली थी। तब 61.25 करोड़ रुपये भी परियोजना के लिए स्वीकृत किए गए थे। इसके तहत 1981 में गौला बैराज और 40 किमी लंबी नहरों का निर्माण किया गया, जिसमें 24.59 करोड़ रुपये खर्च हुए। 1984 में परियोजना की पर्यावरणीय मंजूरी का प्रस्ताव भारत सरकार को भेज दिया गया। आज 35 वर्ष गुजर गए, परियोजना को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी नहीं मिली। जमरानी बांध निर्माण की लागत 2,584 करोड़ हो गई है जो कि, 1975 में 61.25 करोड़ रुपये थी।