देहरादून: महिला से 27 लाख की ठगी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड नालंदा, बिहार से गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही करीब ढाई लाख की नकदी भी इसके खातों में फ्रीज किया गया।
मामले के अनुसार, 22 जून को सरोज शर्मा पत्नी जीआर शर्मा निवासी शास्त्री नगर, थाना नेहरू कॉलोनी ने थाना नेहरू कॉलोनी पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि, कुछ दिनों पूर्व दैनिक समाचार पत्र में पतंजलि आयुर्वेदिक कंपनी एसएमएस जॉब संबंधी आवेदन, जिसमें घर बैठे एसएमएस के माध्यम से 40 हजार महीने कमाये जाने संबंधी विज्ञापन प्रकाशित था, महिला द्वारा उक्त विज्ञापन में लिखे मोबाइल नंबरों पर वार्ता की गई एवं वार्ता रिसीव मोबाइल धारक ने स्वयं को पतंजलि आयुर्वेदिक कंपनी का मैनेजर इन डायरेक्टर राकेश मल्होत्रा बताया एवं महिला को झांसे में लेकर पतंजलि आयुर्वेदिक कंपनी में इन्वेस्टमेंट करने का झांसा दिया एवं महिला से अलग-अलग खातों में कुल 27 लाख रुपए ठग लिए। जब उक्त मोबाइल नंबर बंद हुए तब महिला को अपने साथ ठगी का अहसास हुआ।
उक्त महिला की तहरीर के आधार पर थाना नेहरू कॉलोनी पर मुकदमा अपराध संख्या 181/19 धारा 420/406 IPC के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया। वादिनी के खाते से जिन खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ, ऐसे कुल 9 खातों में पैसा ट्रांसफर किया गया था। पुलिस टीम द्वारा तुरंत उपरोक्त खातों की सर्विलांस की गई एवं खातों की स्टेटमेंट प्राप्त की गई तो केवल एक खाते में करीब ढाई लाख रुपए बैलेंस थे, जिसे पुलिस टीम द्वारा तुरंत फ्रीज किया गया।पुलिस टीम द्वारा खाताधारक का जिन-जिन बैंकों में खाते खुले हैं, तुरंत सादे वस्त्रों में टीम भेजकर उपरोक्त खाता धारकों के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई तो जानकारी प्राप्त हुई कि उपरोक्त खाता धारकों द्वारा खातों में जो पता लिखवाए गए हैं वह गलत है एवं तस्दीक नहीं हुए।
पुलिस टीम द्वारा यह देखा गया कि जब वादिनी द्वारा पैसा जमा कराया गया तो किन-किन जगह से पैसा डेबिट हुआ है, जिससे जानकारी प्राप्त हुई कि अधिकांश पैसा बिहार नोएडा एवं हरियाणा से डेबिट हुआ है। पुलिस टीम द्वारा उक्त स्थानों पर जहाँ से पैसा डेबिट हुआ था उनकी सीसीटीवी फुटेज का डाटा कलेक्ट किया गया। वादिनी को जिन मोबाइल नंबर से फोन आए थे उन मोबाइल नंबरों से संबंधित जानकारी प्राप्त की गई तो उपरोक्त मोबाइल नंबर बिहार के पते के मिले। जिस पर पुलिस टीम बिहार के लिए रवाना हुए। इसी क्रम में घटना में सम्मिलित एक अभियुक्त विक्की को मुकदमा उपरोक्त में गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की गई।
विवेचक द्वारा नालंदा बिहार में उपरोक्त अभियुक्त को गिरफ्तार करने के पश्चात घटना के संबंध में विस्तृत पूछताछ की गई। अभियुक्त द्वारा बताया गया कि उनका एक गिरोह है, जिसमें उसका भाई संजीव मुख्य रूप से सम्मिलित है एवं गांव के कुछ अन्य लड़के उक्त गिरोह में सम्मिलित हैं, जिसमें गिरोह में सब के पास अलग-अलग टास्क होते हैं। कुछ लोग भारत के दूरस्थ स्थानों में दैनिक समाचार पत्रों मैं अलग-अलग कंपनियों के नाम से विज्ञापन एवं नौकरी दिलाने संबंधी विज्ञापन देते हैं, जिनमें कुछ मोबाइल नंबर दिए होते हैं। उपरोक्त मोबाइल नंबर अभियुक्त विक्की के पास रहते थे, जिनमें यदि किसी का फोन आ गया तो विक्की उन मोबाइल नंबरों को अटेंड करता था, यदि कोई भी कस्टमर फोन करने वाला व्यक्ति उपरोक्त अभियुक्त विक्की के झांसे में आ गया और उसने पैसा जमा करने के लिए हामी भर दी तो विक्की अपने भाई संजीव को जानकारी देता था, उसके बाद संजीव टीम के सदस्य से बात करता था, जिसने अकाउंट खुलवाए हुए हैं एवं टीम का वह सदस्य अकाउंट नंबर देता था, जिसे विकी कस्टमर को देता था और यदि कस्टमर के द्वारा जिस भी अकाउंट में पैसा डाला जाता था, उसमें से सभी को बांट दिया जाता था। टीम के कुछ सदस्य ऐसे होते थे जो पैसा जमा होते ही एटीएम से पैसा निकाल लेते थे एवं टीम के गिरोह के अन्य सदस्य भारत के अलग-अलग स्थानों पर सक्रिय है। विवेचक द्वारा अभियुक्त विक्की के बताए अनुसार अन्य पदों पर भी दबिश दी गई लेकिन तब तक उपरोक्त अभियुक्त फरार मिले, जिस पर विवेचक द्वारा उपरोक्त अभियुक्त को नालंदा न्यायालय में पेश किया गया। ट्रांजिट रिमांड की अनुमति प्राप्त की गई एवं विवेचक ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आज अभियुक्त को लाकर थाना नेहरू कॉलोनी पर लाया गया है, जहां से आज अभियुक्त को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है।
गिरफ्तार अभियुक्तों में विक्की पुत्र सुरेश निवासी ग्राम बरांडे, थाना सराय नालंदा, जिला नालंदा, बिहार, उम्र 25 वर्ष और वांछित अभियुक्तों में संजीव कुमार पुत्र सुरेश सिंह निवासी उपरोक्त शामिल है।