देहरादून। बिजली कंपनियों की सिफारिश पर ऊर्जा नियामक आयोग एक बार फिर उत्तराखंड के आम उपभोक्ताओं को महंगाई का करंट देने जा रहा है। यूपीसीएल ने बिजली की दरों में प्रति यूनिट के हिसाब से 6 से 15 पैसे का इजाफा किया है। ऊर्जा निगम ने इस साल करीब चौथी बार बिजली की दरें बढ़ाकर उपभोक्ताओं को करारा झटका दिया है।
निगम ने फ्यूल चार्ज एडजेस्टमेंट के नाम पर फिर बिजली की दरों में इजाफा किया है। एक अक्टूबर से बिजली की दरें लागू हो जाएंगी। गौरतलब है कि ऊर्जा निगम कोयले से बिजली बनाने वाले कई संस्थानों से बिजली लेता है। ऐसे में साल में कई बार कोयले के दाम बढ़ने पर बिजली के रेट रिवाइज करने पड़ते हैं।
यूपीसीएल के एम डी वीसीके मिश्रा का कहना है कि फ्यूल चार्ज के नाम पर कई बार बिल रिवाइज किए जाते हैं। उनका कहना है कि कोयले के दाम बढ़ने पर विक्रेता संस्थान बिजली के रेट बढ़ा देते हैं। इससे निगम को अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है। नुकसान की भरपाई के लिए विभाग को बिजली की दरें बढ़ानी पड़ी हैं।
पिछले पांच साल में उत्तराखंड में बिजली की दरों में औसत 9.50 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। जिससे बीपीएल अथवा किसान परिवारों को महंगाई का अतिरिक्त भार झेलना पड़ रहा। आगे भी बिजली उपभोक्ताओं को नियामक आयोग से राहत की उम्मीद नहीं है। चूंकि आंकड़ें इस बात की तस्दीक करते हैं।