अलीगढ़ में ढाई साल की मासूम की हत्या के बाद पूरा देश गुस्से में है। बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखने के बाद रोंगटें खड़े हो जाते हैं। मन कांप जाता है, दिल दहल जाता और दिमाग सुन्न हो जाता है। हैवानियत की हदे पार हो गई है।ऑटोप्सी रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि बच्ची की हत्या करने के पहले उसे 8 घंटे तक टॉर्चर किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची की हत्या 30 मई को ही कर दी गई थी, जिस दिन वो घर से गायब हुई थी।
बता दें कि मीडिया से बात करते हुए बच्ची के घरवालों ने बताया कि जब उन्हें शव मिला तो बच्ची की आखें निकली हुई थीं, दाहिना हाथ कटा हुआ था, पैर, नाक और सीने की पसलियां टूटी हुई थीं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से भी ये बातें कन्फर्म हुई हैं।बच्ची की किडनी तक दरिंदों ने निकाल ली। एक हाथ भी शरीर से अलग कर दिया। मासूम को दरिंदों ने इस कदर मारा कि उसकी नेजल ब्रिज (नाक व माथे को जोड़ने वाली हड्डी) और एक पैर में फ्रेक्चर तक हो गया। जिसके चलते बच्ची की मौत शॉक (सदमा) की वजह से होना पीएम रिपोर्ट में आया है।
परिजनों ने पुलिस पर लगाया आरोप
बच्ची के परिवार का आरोप है कि शिकायत के बावजूद पुलिस 32 घंटे तक इंतजार करती रही। परिजनों ने बताया कि 30 मई को बच्ची गायब हुई थी तो वो पुलिस के पास गए लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी। घरवालों के मुताबिक-”पुलिस ने कहा कि वो किसी पड़ोसी के घर गई होगी, आ जाएगी. पुलिस ने कोई लिखित शिकायत नहीं ली. बच्ची की वेशभूषा के बारे में या वो कैसी दिखती थी, इसके बारे में भी नहीं पूछा गया। फिर मैंने सोचा कि अब मुझे खुद ही उसे ढूंढना होगा।”
30 मई की अगली सुबह परिवार फिर पुलिस के पास पहुंचा. बड़ी मुश्किल से शाम 4.30 बजे पुलिस ने शिकायत दर्ज की. 1 जून को पुलिस दिन भर परिवार को सीसीटीवी फुटेज दिखाती रही, लेकिन बच्ची नहीं मिली. 2 जून को एक महिला ने कूड़े के ढेर के पास बच्ची का शव देखा। आपको बता दें कि पैसों को लेकर आरोपियों और बच्ची के पिता के बीच कहासुनी हुई थी।लेकिन बात इतनी बढ़ी कि उन्होंने बच्ची की हत्या कर दी। हत्या से सिर्फ 7 दिन पहले ही बच्ची का प्ले स्कूल में एडमिशन हुआ था। ये बच्ची अपने मां-बाप की इकलौती बच्ची थी। बच्ची के जन्म के लिए मां ने डॉक्टरों के काफी चक्कर लगाए थे।