देहरादून: 108 व खुशियों की सवारी के कर्मचारियों को अप्रैल माह से नही मिला वेतन जिस से पारिवारिक आजीविका भी संकट में आ गया हैं। 4 जून को बाल आयोग में लग सकती हैं कैम्प कंपनी की पेशी सचिवालय में 29 मई को हुये आदेश के तहत दूसरी और कर्मचारियों ने अपनी सभी रिपोर्ट स्वास्थ्य निदेशालय जमा करवा दिया है। कितने कर्मचारियों को बेरोजगार किया गया हैं। अब देखना है कैम्प में कितने पुराने कर्मचारी का डाटा हैं। लम्बे समय से कार्यरत 108 व खुशियों की सवारी के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर दर- दर की ठोकरे खा रहा है । आंदोलनरत कर्मचारियों को कई दलों का समर्थन पर सरकार तस से मस नहीं हुई हैं।बता दे कि राजधानी देहरादून में नई कंपनी में समान वेतन के साथ समायोजन की कर रहे मांग 108 के पूर्व कर्मचारियों का आंदोलन जारी है।
108 व खुशियों की सवारी के कर्मचारीयों ने सचिवालय कूच भी किया पर सिर्फ आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि निविदाएं हो चुकी है और जो निविदा दाता है उसने 2008 में जो निविदाएं हुई थी उससे कम दरों में निविदा देने का काम किया है।वहीं 108 के पूर्व कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया जो नई कम्पनी को आपने 108 को संचालित करने का कार्यभार दिया है। उसका कार्यकाल 15 से 20 दिन का है। “गौरतलब है कि नई कंपनी में समायोजन की मांग को लेकर एंबुलेंस 108 और खुशियों की सवारी के कर्मचारी परेड ग्राउंड में बेमियादी धरना दे रहे हैं । कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक आंदोलन जारी रखेंगे।
वहीं आपको बतादें की सचिवालय में हुई मीटिंग में अपर सचिव स्वास्थ्य ए.एस चौहान ने आदेश दिया कि कितने कर्मचारी 30 अप्रैल तक 108 में कार्यरत थे। इसकी रिपोर्ट gvk कंपनी व कैम्प कंपनी व कर्मचारियों से डाटा मांगा गया था। जो कर्मचारियों ने अपना डाटा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सौंप दिया। वहीं अब 108 व खुशियों की सवारी के कर्मचारीयों के परिवारों पर आर्थिक संकट का बोज आन पड़ा हैं।