रामनगर: काॅर्बेट नेशनल पार्क में एक बाघिन की मौत वन विभाग की लापरवाही से हो गई। बाघिन बीमार थी और गांव में घुस आई थी। उसे पिंजरे में कैद किया गया, लेकिन जिन मानकों के तहत रेस्क्यू किया जाता है। उनका ख्याल नहीं रखा गया। बाघिन को बेरहमी से रेस्क्यू किया गया। जिससे उसकी मौत हो गई। अब वन विभाग मामले में लीपा-पोती करने में जुट गया है।
दरअसल, बाघिन काफी दिनों से बीमार थी, जिस कारण उसने खाना भी नहीं खाया था, भूख के कारण काफी कमजोर हो गई थी। एक दिन पहले वो बांसटीला गांव पहुंच गई। लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी, वन विभाग के कर्मचरी मौके पर तो पहुंचे, लेकिन बाघिन को पकड़ने के बजाया उसे परेशान करते रहे। जबकि दूर से ही नजर आ रहा था कि वो काफी बीमार और कमजोर लग रही है। बावजूद वन कर्मियों ने उसे रेस्क्यू नहीं किया। अगर उसे रेस्क्यू कर लिया जाता, हाो सकता था कि उसकी जान बच जाती।
मौत के बाद काॅर्बेट प्रशासन इस मामले को किसी तरह रफा-दफा करने के मूड में नजर आ रहा है। इसका आनन फानन में पोस्टमार्टम करा दिया गया और उतनी ही जल्दी इसकी चिता भी लगा दी गई, जिससे बाघिन की मौत पर सवाल खडे़ हो गये हैं। अब देखना होगा कि नेशनल टाइगर कंजवेेशन अथाॅरिटी इस मामले को लेकर क्या रुख दिखाती है। अगर मामले की जांच की गई, तो तय है कि वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।