रुद्रप्रयाग: एक ओर सरकारी मशीनरी हरेला जैसी योजनाओं के जरिये पौधा रोपण अभियान चलाने के दम भरती है, लेकिन इन कार्यक्रमों के जरिये लगने वाले पेड तो महज कार्यक्रम के दौरान ही दिखाई देते हैं और फिर संरक्षण के अभाव में अधिकांश पेड मृत हो जाते हैं।
वहीं जिले के कोटगी भटवाडी गांव के बच्चों महिलाओं व पुरुषों ने अपना त्रिफला वन तैयार कर एक मिशाल पेश की है। त्रिफला वन में विगत वर्ष के 90 फीसदी पौधे जीवित हैं, बडी बात यह है कि यहां पर पर्यावरण प्रेमी व पेशे से अध्यापक सतेन्न्द्र भण्डारी के प्रयाशों से पूरा गांव इन पेडों का संरक्षण करता है।
गांव के निचले हिस्से पर अलकनन्दा नदी द्वारा लगातार कटाव होने व भू-क्षरण होने से गांव को खतरा पैदा हो गया था जिसको लेकर सतेन्द्र भण्डारी की यह मूहिम आज साकार होती दिख रही है। ग्रामीणों के इस सामुहिक प्रयास से भू-क्षरण तो रुक गया है साथ ही इस प्रयास की प्रसिद्ध पर्यावरण विद् व पद्मश्री चण्डी प्रसाद भट्ट व वन विभाग के अधिकारियों ने भी सराहना की है।
त्रिफला वन में चण्डी प्रसाद भट्ट समेत विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चाैधरी, अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल, डीएफओ राजीव धीमान व ग्रामीणों ने 151 औषघीय पौधों का रोपण किया और प्रत्येक पौधे के संरक्षण का जिम्मा गांव के युवकों व महिलाओं ने लिया। इस मोके पर गांव में चैपाल भी लगायी गयी और ग्रामीणों को वनीकरण से होने वाले फायदों के बारे में विस्तृत रुप से बताया गया।