देहरादून: फेसबुक ने माना है कि डेटा प्राइवेसी के मामलों में फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) तीन से पांच अरब डॉलर का जुर्माना लगा सकता है। दरअसल, 2011 में फेसबुक ने एफटीसी के साथ समझौता किया था, जिसके तहत सोशल मीडिया साइट को डेटा शेयर करने के लिए यूजर्स की सहमति की जरूरत की शर्त थी। फेसबुक पर कथित रूप से इस समझौते को तोड़ने का आरोप है।
वहीं फेसबुक के मुख्य वित्तीय अधिकारी डेव वेनर ने कहा, यह मुद्दा अभी तक सुलझा नहीं है। इसलिए एफटीसी जुर्माने के तौर पर कितना वसूलेगा यह साफ नहीं है। लेकिन अनुमान के मुताबिक, करीब तीन से पांच अरब डॉलर का जुर्माना लग सकता है। अगर फेसबुक से जुर्माना वसूला गया तो यह कंपनी के एक महीने के राजस्व के बराबर होगा। बता दें कि कंपनी ने 2019 की वित्तीय रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह बात कही गई है।
2.4 अरब डॉलर का मुनाफा
फेसबुक ने जनवरी-मार्च तिमाही में 2.4 अरब डॉलर यानी करीब 17, 000 करोड़ रुपए का मुनाफा घोषित किया है। यह पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 51 फीसदी कम है। कंपनी ने डेटा प्राइवेसी से जुड़े मामले में कानूनी खर्चों के लिए तीन अरब डॉलर अलग रखे हैं। इसलिए मुनाफे में कमी आई है। हालांकि, इससे निवेशकों पर असर नहीं हुआ है। इसके अलावा फेसबुक की प्रति यूजर औसत आय 16 फीसदी बढ़कर 6.42 डॉलर हो गई है। पिछले साल जनवरी-मार्च में यह 5.53 डॉलर थी। डेली एक्टिव यूजर्स की संख्या आठ फीसदी बढ़कर 1.56 अरब हो गई है।