मुंबई: इमरजेंसी फंड न मिलने की वजह से जेट एयरवेज की उड़ानें बंद होने का असर हवाई किरायों पर पड़ना शुरू हो गया है। बुधवार को जेट एयरवेज की सारी फ्लाइट्स बंद कर दी गई थीं। इसके बाद से घरेलू रूट पर हवाई किराये 20 फीसदी और इंटरनेशनल पर 30 फीसदी बढ़ गए।
ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर्स की साइट्स पर के मुताबिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रूट्स पर किरायों में 20 से 30 फीसदी का इजाफा दिख रहा है। हालांकि इंडिगो जैसी कुछ एयरलाइंस ने मुंबई और दिल्ली हवाई अड्डों पर 10 और फ्लाइट्स का इंतजाम किया है लेकिन लगता नहीं है कि इससे बढ़ते किराये कम होंगे। जेट का संकट पिछले 15 दिनों से काफी गहरा गया था। नरेश गोयल के बोर्ड से निकलने के बाद एयरवेज को नए ग्राहक की तलाश थी। इस बीच, इसे 1500 करोड़ रुपये का फंड मुहैया कराने की कोशिश हो रही थी। लेकिन आखिर में इसे इमरजेंसी फंड के तौर पर 400 करोड़ रुपये नहीं मिल सके। इस वजह से इसे अपनी सारी उड़ानें बंद कर दी।
वहीँ टूरिज्म और एविएशन सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि जेट एयरवेज की बाजार हिस्सेदारी काफी बड़ी थी। जेट की फ्लाइट्स बंद होने से टिकटों की मांग बढ़ गई है लेकिन दूसरी एयरलाइंस की ओर से अतिरिक्त विमान उतारने के बावजूद यह कमी पूरी होती नहीं दिखती। ऐसे में घरेलू रूट्स पर किरायों में 40 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इधर, इंडिगो ने मई से मुंबई और दिल्ली के बीच फ्लाइट्स बढ़ाने का ऐलान किया है। एयरलाइंस 10 अतिरिक्त उड़ानें शुरू करेगी।
जेट की उड़ानें बंद होने का असर छुट्टी बिताने विदेश जा रही यात्रियों पर भी पड़ सकता है। इन रूट्स पर 40 फीसदी किराये बढ़ सकते हैं। महीनों पहले एडवांस में टिकटें बुक कराने वाले कस्टमर्स ऑनलाइन ट्रैवल एजेंट्स से अपना रिफंड मांग रहे हैं। कुछ एजेंट्स तो कस्टमर्स को रिफंड दिलाने में कामयाब हो गए हैं लेकिन कुछ कस्टमर्स को रिफंड नहीं दिला पाए हैं।