रेलवे यात्री सुरक्षा के चाहे जितने मर्जी दावे करे दे पर हादसे है की थमते ही नहीं। रेल मंत्री सुरेश प्रभु के 3 साल के कार्यकाल में क़रीब 700 लोग रेल हादसों में अपनी जान गवां चुके है।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट करके कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर हादसों की नैतिक ज़िम्मेदारी ली हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मुझसे इंतज़ार करने को कहा। हादसों, मुसाफ़िरों के घायल होने और अमूल्य ज़िंदगियों के नुकसान से मुझे बहुत दुख है। इनसे मुझे बहुत पीड़ा हुई है। 3 बरसों के दौरान मैंने रेलवे की बेहतरी के लिए खून-पसीना बहाया है। मैंने पीएम मोदी के विजन के हिसाब से काम किया है।
भारतीय रेल में सफ़र के दौरान यात्रियों को अपनी जान जोकिम में दाल कर सफ़र करना पड़ता है, ये हम नहीं पिछले तीन साल में हुए रेल हादसे और उनमे गई मौतों के आंकड़े बोल रहे है।
एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश में ही दूसरा ट्रेन हादसा हाे गया है जिसमें करीब 100 लोग घायल हुए हैं। इस बार आजमगढ़ से दिल्ली आ रही कैफियत एक्सप्रेस औरैया के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई और 12 डिब्बे पटरी से उतर गए।
पिछले शनिवार को उत्तर प्रदेश के ही मुजफ्फरनगर में उत्कल एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के चलते 22 लोगों की मौत हो गई थी।