नागौर: पुलवामा हमला के बाद भी पाक अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। शनिवार को पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के पूंछ इलाके में एक बार फिर सीज फायर का उल्लंघन किया और जबरदस्त गोलीबारी की, जिसका जवाब देते हुए राजस्थान का सपूत हरि भाकर शहीद हो गया।
भारतीय सेना की 4 ग्रेनेडियर में तैनात 21 वर्षीय हरि भाकर मूल रूप से राजस्थान के नागौर जिले की मकराना के जसूरी गांव के रहने वाले थे। सोमवार को पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पार्थिव देह रविवार रात सेना के विशेष वाहन से पैतृक गांव लाई गई। पार्थिह देह रात को गांव के आईटी केन्द्र में रखी गई। सोमवार सुबह पार्थिव देह घर पहुंची। इस दौरान बहादुर फौजी बेटे के अंतिम दर्शन करने और उन्हें आखिरी सैल्यूट करने के लिए पूरा नागौर उमड़ पड़ा। आईटी केन्द्र से लेकर शहीद के घर तक लोगों की कतारें लग गईं।
चार सैनिकों को उतारा मौत के घाट
शहीद हरिराम की पार्थिव देह लेकर आए 4 ग्रेनेडियर के अधिकारी नायब सूबेदार चेनाराम ने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से सीज फायर का उलंघन करके भारतीय सीमा में फायरिंग की गई। इस दौरान शहीद हरिराम ने पाकिस्तानी गोलीबारी का जवाब देते हुए 40 से ज्यादा ग्रेनेड दागे, जिससे पाकिस्तान के बंकर नष्ट करने के साथ-साथ चार सैनिकों को भी जान से हाथ धोना पड़ा।
पाकिस्तानी गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया
इसी दौरान पाकिस्तान की तरफ से दागे गए गोले से हरिराम पर हमला हुआ और जिसमें वे बुरी तरह घायल हो गए। इसके बावजूद साहस का परिचय देते हुए पाकिस्तानी गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्हें गभीर अवस्था में सैन्य अस्पताल लाया गया, जहां वे वीरगति को प्राप्त हुए।
Rajasthan: Mortal remains of Army jawan Hari Bhakar, who lost his life in ceasefire violation in Poonch, J&K on 23rd March, brought to his village in Makrana, Nagaur. pic.twitter.com/GnVSNWAZ4E
— ANI (@ANI) March 25, 2019
15 फरवरी को लौटे थे ड्यूटी पर
जानकारी के अनुसार भाकर गत 15 फरवरी को ही गांव से वापस ड्यूटी पर गए थे। भाकर अपनी छोटी बहन की शादी में गांव आए थे। हरिराम भाकर और हरेद्र दो जुड़वा भाई थे। दोनों ही भाई भारतीय सेना में हैं। बड़े हरिराम थे और छोटा हरेन्द्र भाकर है। शहीद हरी भाकर के पिता पदमाराम भाकर नजदीकी जूसरिया ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक के पद पर कार्यरत हैं। 28 मार्च को शहीद हरीराम भाकर के परिवार में एक और शादी थी।