मंयक ध्यानी
नोटबंदी का असर अब धीरे धीरे खत्म हो गया है। अब एटीएम और बैंकों से पैसों कि किल्लत लगभग समाप्त हो गई है। कई दिनों के बाद समाप्त हुई इस समस्या से तो लोगों को राहत मिल गई है लेकिन एक समस्या इन दिनों लोगों को परेशान किये हुए है औऱ वो समस्या है 2000 का नकली नोट…..
जीहां, वहीं नोट जिसे नोटबंदी के बाद सबसे पहले मार्किट में उतारा गया था।
मामला देहरादून के फास्ट फूड व्यापारी सचिन घई का है। जो सड़क किनारे अपना छोटा सा मोमो और चाऊमिन का व्यापार करता हैं।
सचिन के अनुसार बीते रोज शाम के समय रोज की ही तरह उसकी दुकान ग्राहकों से भरी हुई थी। वो व्यस्थ था और थोड़ा सा जल्दीबाजी में भी….इसी दौरान एक शख्स आया और 20 रुपये के मोमो के बदले उसने 2000 का नोट सचिन को पकड़ा दिया। पहले तो सचिन ने उससे खुल्ले रुपये देने की बात कही लेकिन जब उसने खुल्ले न होने की बात कहीं तो मजबूरी में सचिन ने उसे 1980 रुपये लौटा दिये।
सुबह जब सचिन ने पैसों की गिनती के समय उस नोट को देखा तो उसके होथ उड़ गये………नोट नकली था।
सचिन बताते हैं कि उन्हें दो हजार का नुकसान हो गया है यानी लगभग चार दिन की ध्याडी का नुकसान…..
जिसके बाद से सचिन परेशान है औऱ इसी परेशानी में उन्होनें हमसे अपनी यह व्यथा कही है। जिसे हम आपके साथ साझा कर रहे हैं ताकि आगे से आप किसी भी नोट को लेने से पहले सावधान रहें, उसे जांचे परखे और उसके बाद ही उसे अपने पर्स में डाले। ताकि आपको पछताना न पड़े……………