भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने बेशक बहादुरी और साहस का परिचय दिया और पाकिस्तान सेना के कब्ज़े में होने जैसी कठिन परिस्थिति में रहकर लौटने के बाद भी कुछ समय तक अभिनंदन को कठिन समय का सामना करना पड़ेगा। भारतीय कानून के मुताबिक युद्ध कैदी रहे किसी भी जवान के साथ जैसा बर्ताव किया जाता है, वही अभिनंदन के साथ भी होगा।
भारत की तरफ से आतंकियों के खिलाफ एयर स्ट्राइक के अगले दिन एक विमान क्रैश के बाद पाकिस्तान सेना के कब्ज़े में ले लिये गए अभिनंदन के लिए पिछले कुछ घंटों से पूरा देश दुआएं कर रहा था और आखिरकार अभिनंदन अपने वतन लौट आए।
जानकारी के मुताबिक, अभिनंदन जैसे ही भारत को सौंपा जाएगा, वैसे ही भारतीय वायु सेना इंटेलिजेंस के सपुर्द कर दिया जाएगा। उसके बाद अभिनंदन के कई परीक्षण और जांचें की जाएंगी ताकि समझा जा सके कि वह फिट और स्वस्थ है। पूरी स्कैनिंग होगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पाकिस्तान की तरफ से उसके शरीर में किसी तरह की कोई खुफिया चिप या किसी तरह की साज़िश तो नहीं की गई।
सर्विस लॉ के मुताबिक की जाने वाली कार्रवाई के मुताबिक, अभिनंदन के मनोवैज्ञानिक टेस्ट भी किए जाएंगे क्योंकि वह दुश्मन देश की कैद में था, वह भी बिल्कुल अकेला। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सीक्रेट के खुलासों को लेकर उसके साथ कई किस्म की ज़्यातदतियां की गई हों, यह संभव है इसलिए वह एक सदमे के दौर से गुज़रा होगा। इसी कारण ये टेस्ट किए जाते हैं।
वहीँ जानकारी के मुताबिक, अभिनंदन के भारत लौटने पर होने वाला यह बर्ताव बहुत कष्टदायक है, लेकिन ज़रूरी है। आईएएफ इंटेलिजेंस को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके पास जो भी सूचनाएं थीं, दुश्मन की कैद में होने के दौरान उससे कितनी उगलवाई गईं और यह भी कि उसे दुश्मन देश ने अपना जासूस बनाकर तो नहीं भेजा। प्रावधानों के मुताबिक हर युद्धबंदी रहे सैनिक या सेना अफसर के साथ इस तरह का ट्रीटमेंट किया जाता है।
इसके आलावा अभिनंदन कुछ दिनों के लिए सबसे अलग रखा जाएगा और अगर उसकी शारीरिक या मानसिक फिटनेस को लेकर कोई भी शक हुआ तो हो सकता है कि उसे डेस्क जॉब दिया जाए।