देहरादून: देवभूमि के वीरों की वीरता की कहानियां दुनिया जानती है। देवभूमि को वीर भूमि कहा जाता है। देवभूमि के वीरों ने जब-जब जरूरत पड़ी देश के लिए कठिन परिस्थियों को आसान बनाने का काम किया। ऐसा ही कुछ किया चमोली जिले के चिरोंग गांव के हवलदार लक्ष्मण सिंह ने। उनको उनके अदम्य साहस और सूझ-बूझ के लिए 23 फरवरी को सेना मेडल ‘‘वीरता’’ के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
थर्ड पैरा के हवालदार लक्ष्मण सिंह ने जिन खतरनाक परिस्थियों में दुश्मन के कमांडर को ढेर करने का काम किया। उन खतरनाक परिस्थियों में अच्छे-खासे योद्धा डिग जाते हैं। लेकिन, हवलदार लक्ष्मण सिंह ने अगस्त 2017 को ऑपरेशन फतह के दौरान अत्यंत अनुशासनात्मक रणकौशल दिखाते हुए जम्मु-कश्मीर के बारामुला जिले में सटीक फायर करते हुए दुश्मन के पोस्ट कमांडर को मार गिराया।
पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन के दौरान हवालदार लक्ष्मण सिंह खतरनाक माइन फिल्ड के पास दुश्मन के घुसपैठ को नाकाम करने हेतु 28 घंटे से नियंत्रण रेखा के पास तैनात थे। अगस्त 2017 को दुश्मन के जयश्री दक्षिणी पोस्ट से अपनी फतेह पोस्ट पर अचानक फायरींग होने लगी। हवालदार लक्ष्मण सिंह ने दुश्मन पोस्ट के कमांडर को निशाना बनाते हुए मार गिराया। माइन फिल्ड के खतरे को ध्यान में रखते हुए अपनी जान की परवाह किये बगैर उत्तम रणकौशल करके दुश्मन की एक टुकड़ी को व्यस्त रखा।
खतरनाक परिस्थितयों में अपने साहस और कौशल से धैर्य के साथ विशिष्ट बहादुरी किया। इसके लिए हवलदार लक्ष्मण सिंह को “सेना मेडल (वीरता)“ पुरस्कार लेफ्टिनेंट जनरल चेरिश मैथसन, जनरल अफसर कमांडिंग-इन-चीफ, सप्त शक्ति कमान की ओर से सम्मानित किया जाएगा।