क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के खिलाफ विधेयक लाये सरकार: मोर्चा

Please Share
देहरादून: मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष एवं जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश भर में निजी क्लीनिकों के चिकित्सक क्लीनिक इस्टेब्लिसमेंट एक्ट के विरोध में लगभग एक सप्ताह से हड़ताल पर हैं, लेकिन अदूरदर्शी सरकार ने प्रदेश के मरीजों को मरने के लिए उनके हालात पर छोड़ दिया है, जो कि बहुत ही असंवेदनशील है।
नेगी ने कहा कि उक्त एक्ट मा0 न्यायालय के आदेश लागू हुआ है, जिनका पालन कराना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों एवं लचर सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार को उक्त एक्ट में कुछ संशोधन कर विधेयक लाना चाहिए। प्रदेश में सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र सिर्फ रेफर सेंटर तक सीमित है।
नेगी ने कहा कि उक्त एक्ट बहुत ही जटिल है तथा पूर्व में स्थापित क्लीनिकों पर अगर ये एक्ट लागू होता है तो निश्चित तौर पर लगभग 70-80 फीसदी क्लीनिक बंद हो जायेंगे तथा मरीज बिना इलाज के ही दम तोड़ देंगे। प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं का आलम यह है कि अस्पताल तो हर जगह मौजूद हैं, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। नवनिर्मित क्लीनिकों पर सरकार पूर्ववर्ती एक्ट लागू कर सकती है। मोर्चा ने सरकार को याद दिलाया कि अगर शराब माफियाओं के हक में एवं सरकारी कर्मचारियों के पेंशन के खिलाफ रातों-रात विधेयक आ सकता है तो इन क्लीनिकों के लिए क्यों नहीं? साथ ही कहा कि, मोर्चा चिकित्सकों की मांग को लेकर लड़ाई लड़ेगा।

You May Also Like