अमेरिका: दुनिया के कई हिस्सों में 2018 में भयानक भूकंप तबाही मचा सकते हैं। भूकंप पर रिसर्च कर रही जियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ अमेरिका के वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगले साल विनाशकारी भूकंपों की संख्या में काफी मात्रा में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
भूकंप को पृथ्वी के घूमने की गति से जोड़ा जा रहा है। धरती के घूमने की गति प्रति दिन कम होती जा रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दोनों में सीधा संबंध है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि भूकंप से जुड़े खतरों के लिए 5 या 6 साल पहले चेताया जा सकता है। इस बारे में दिन की लंबाई अहम भूमिका निभा सकता है। इससे डिजास्टर प्लानिंग की जा सकती है। एस रिसर्च में ये नहीं बताया गया है कि ये भूकंप किन क्षेत्रों में आ सकते है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछली सदी में पांच बार ऐसा हुआ था जब सात की तीव्रता वाले भूकंप आए। हर बार इन भूकंपो का संबंध पृथ्वी की घूमने की रफतार से जोड़ कर देखा गया। कई बार जब दिन छोटे होते थे तो इनमें कमी भी देखी गई।
ये रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो के रोजर बिल्हम और यूनिवर्सिटी ऑफ मोंटाना की रेबेका बेंडिक ने की है। इसकी सारी जानकारी जियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ अमेरिका को भेजी गई है।
वैज्ञानिको का दावा है कि पृथ्वी के घूमने की रफ्तार के चलते अंडरग्राउंड एनर्जी को बाहर आने मदद मिलेगी।हालांकि वैज्ञानिक अभी स्पष्ट तौर पर यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि किन इलाकों में भूकंप आ सकते हैं। लेकिन यह जरूर देखा गया है कि भूमध्य रेखा के आसपास के इलाकों में दिन की लंबाई छोटी-बड़ी हो रही है।