नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोर्ट की अवमानना के मामले में पूर्व सीबीआई अंतरिम चीफ नागेश्वर राव को सजा सुनाई है। कोर्ट ने सजा के तौर पर नागेश्वर राव को पूरे दिन कोर्ट में बैठने को कहा है, साथ ही उनपर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। सीबीआई का अंतरिम चीफ रहते हुए नागेश्वर राव ने जांच एजेंसी के पूर्व संयुक्त निदेशक ए के शर्मा का तबादला कर दिया था, उस वक्त एके शर्मा मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस की जांच कर रहे थे। तबादला करते वक्त नागेश्वर राव ने सुप्रीम कोर्ट से इजाजत नहीं ली थी, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें अवमानना का नोटिस भेजा था। कोर्ट में पेशी से पहले नागेश्वर राव ने माफी भी मांगी थी लेकिन चीफ जस्टिस ने उस माफीनामे को खारिज कर दिया था।
एम नागेश्वर राव ने सोमवार को स्वीकार किया था कि उन्होंने ‘गलती’ की और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इसके लिए माफी मांगते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने की उनकी कोई मंशा नहीं थी। सीबीआई की तरफ से अटार्नी जनरल ने दलील रखी कि नागेश्वर राव ने माफी मांगी है और उन्होंने जानबूझकर सुप्रीमकोर्ट की अवमानना नहीं की है। चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि लीगल एडवाइजर ने कहा था कि एके शर्मा का ट्रांसफर करने से पहले सुप्रीमकोर्ट में हलफनामा दायर कर इजाजत मांगी जाए, लेकिन ऐसा क्यों नहीं किया गया। CJI ने कहा कि ट्रांसफर करने से पहले कोर्ट में एफिडेविट देना चाहिए था।