देहरादूनः टिहरी में डॉ द्वारा दो सगी बहनों के साथ छेड़छाड़ के मामले में एक और नया मोड़ सामने आया है। उत्तराखंड बाल संरक्षण अधिकार आयोग की सदस्य सीमा डोरा का कहना है कि बच्चियों के साथ डॉक्टर ने मानसिक उत्पीड़न तो किया ही साथ ही उनसे छेड़छाड़ भी की है। लेकिन मामले में डॉ के खिलाफ केवल बाल मजदूरी का ही मामला दर्ज हुआ है जो अपने आप में टिहरी पुलिस कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल है?
लेकिन आयोग सदस्य के इस बयान से टिहरी सीओ पर सवाल ए निशां उठना लाजमी है क्योंकि उन्होंने हैलो उत्तराखंड न्यूज ने 19 नवम्बर 2017 को जब मामले में जानना चाहा तो उन्होंने अवगत करवाया कि बच्चियों ने 164 में दर्ज बयान में ऐसा नहीं कहा है कि उनके साथ कोई छेड़छाड़ हुई है। जिसके बाद सीजीएम कोर्ट ने बच्चियों को पिता को सौंप देने का आदेश भी जारी किया था जिस पर आयोग ने यह कहकर बच्चियों को आयोग में ही रख लिया क्यूंकि आयोग को दिए बयान में पिता ने अपनी असमर्थता दर्शाई।
ऊपर देखिए बच्चियों की उत्पीड़न की कहानी आयोग सदस्य की जुबानी…