बागेश्वर: जिला अस्पताल व ट्रामा सेंटर में स्वास्थ्य सेवाएं लगातार दम तोड़ती हुई नजर आ रही हैं। हाल यह है ट्रामा सेंटर शुरु होने के एक साल ज्यादा समय बीत चूका है। लेकिन दुर्भाग्य देखो डिजिटल एक्स-रे मशीन नहीं चल पाई हैं। वहीं जो एक्सरे मशीन ट्रामा सेंटर में लगी है वह खराब हालात में पड़ी हुई हैं। ऐसे में हड्डी रोगियों के मरीजों को अच्छी खासी परेशानी झेलनी पड़ रही हैं। वहीँ पिछले साल हाई कोर्ट की फटकार के बाद ट्रामा सेंटर का ताला खुलवा तो दिया लेकिन सुचारु रूप से आजतक ट्रामा सेंटर चल नहीं पाया। अब इसे राज्य सरकार की उदासीनता कहे या स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यास्था जहाँ जिले में पहले डॉक्टरों का अभाव था। जब डॉक्टर्स आये ट्रामा में डिजिटल मशीनों व टेक्निल एक्सपर्ट्स के आभाव के चलते मशीने बंद ख़राब पड़ी हुई है। हालत ये है। मरीजों को प्लास्टर करने का पावडर अन्य सामग्री बाहर से मंगवानी पड़ती है। डॉक्टरों ने कई बार इस समस्या को सीएमएस व् सीएमओ को अवगत कराया लेकिन कई माह बीतने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। मजबूरन ट्रामा सेण्टर के दो डॉक्टरों हड्डी विशेषयज्ञ व् बेहोशी के डॉक्टर ने अपना इस्तीफ़ा सीएमएस को सौपदिया है। हालंकि मीडिया के सवालों को प्रभारी सीएमएस टालते हुए नजर आए।
वहीँ जिले का स्वास्थ्य महकमा प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगाते हुए नजर आ रहा है। साफतौर पर देखा जा सकता ट्रामा सेंटर के बाहर बेतरबीब तरीके के कूड़ा फैला हुआ है। ऐसे में बीमार मरीज कैसे अस्पताल की और रुख करेंगे ये समझा जा सकता है।