नैनीताल: हाईकोर्ट ने गंगा यमुना की निर्मलता को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद पांच राज्यों की सरकार की ओर से जवाब दाखिल न करने पर उत्तराखण्ड, यूपी, हिमांचल, दिल्ली व हरियाणा सरकार को दो सप्ताह के भीतर जवाब करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 जनवरी की तिथि नियत की।मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार, गंगा जल में बढ रहे प्रदूषण को लेकर दिल्ली निवासी अजय गौतम ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दाखिल की थी जिसका संज्ञान लेते हुए पूर्व में कोर्ट ने पांचों राज्यों को जवाब दाखिल करने के आदेश दिया था। याचिका में कहा गया था कि गंगा हिन्दू धर्म की आस्था है सभी कर्मकांड़ में गंगा जल का उपयोग किया जाता है। याचिका में कहा कि गंगोत्री से लेकर गंगा सागर तक प्रदूषण की मात्रा लगातार बढ रही है। याचिका में कहा कि गंगा व यमुना नदियों की अविरलता व जल की गुणवत्ता के लिये केंद्र व राज्य सरकार को निर्देश जारी किये जाएं। पिछले सुनवाई के बाद कोर्ट ने पांच राज्यों से जवाब तलब किया था किसी का भी जवाब न आने की दशा में कोर्ट ने दोबारा से उन्हें दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।