एक तरफ उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां सभी महाविद्ययालयों में प्राचार्य हैं। लेकिन दूसरी तरफ महाविद्यालयों में प्रोफेसरों की बात करें तो बड़ी तादाद में प्रदेश के महाविद्यालयों में प्रोफेसरों की भारी कमी है, जिससे उच्चशिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों का भविष्य अन्धकार में है क्यूंकि उन्हें पढ़ाने वाला कोई नहीं है।
अपने भविष्य की चिंता करने वाले राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोशीमठ के छात्रों ने इसी के चलते उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह का पुतला फूंका और सरकार से महाविद्यालय में प्रोफेसर की नियुक्ति की मांग की । ताकि छात्रों का भविष्य संवर सके ।
दरअसल लम्बे आन्दोलन के बाद महाविद्यालय में कला संकाय के साथ विज्ञान संकाय को मान्यता 2008 में तो मिली लेकिन विज्ञान संकाय में आज तक 9 सालों के बाद भी किसी विषय के स्थाई प्रोफेसर की नियुक्ति नहीं हुई। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिरकार कैसे इस विद्यालय से पढने वाले छात्र बिना प्रोफेसर के अपने भविष्य को अन्धकार में धकेलने को मजबूर हैं।
छात्रों की मानें तो राजनीतिक और प्रशासनिक उदासीनता के चलते छात्रों को निम्न इस्तर की शिक्षा से जूझना पड़ रहा है।
वहीँ इस मामले में जब हैलो उत्तराखंड न्यूज़ ने जब उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. बी.सी. मलकानी से बात की तो उन्होंने महाविद्यालय में प्रोफेसरों की कमी की बात को तो स्वीकार किया लेकिन साथ ही कहा कि सरकार जल्द ही प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में नियुक्ति का शाश्नादेश जारी करने जा रही है जिसका जीओ 1-2 दिन के भीतर जारी कर दिया जाएगा।