देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को धारचूला में संस्था द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘रं’ महोत्सव का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने लगभग 45 करोड़ की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया। जिसमें 4184.45 लाख की 10 योजनाओं का शिलान्यास तथा 285.74 लाख की 03 योजनाओं का लोकापर्ण शामिल है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने क्षेत्र के विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं की घोषणा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में खाद्यान्न की समस्या के समाधान हेतु दो खाद्यान्न गोदाम का निर्माण किया जाएगा। धारचूला नगर क्षेत्रान्तर्गत काली नदी से भू-कटाव की रोकथाम हेतु सुरक्षा दीवार का निर्माण, तीनों घाटियों मैं औद्यानिक फसल कलैक्शन सेन्टर की स्थापना, दारमा घाटी के फिल्म बोन तथा दुगतु में झूला पुल का निर्माण, दारमा घाटी में अखरोट की नर्सरी विकसित की जाएगी। क्षेत्र में उत्पादित उगल/फाफर की खेती को प्रोतसाहित किया जाएगा। गबलादेव मंदिर सौन्दर्यीकरण, क्षेत्र के किसानों को जैविक खेती एवं लघु कुटीर का प्रशिक्षण दिया जाएगा, गूंजी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना, क्षेत्र में सहकारिता के क्षेत्र में स्वयं सहायता समूहों का गठन किए जाने, छिपला केदार क्षेत्र का विकास किए जाने, धारचूला नगर क्षेत्र का मास्टर प्लान बनाए जाने के साथ ही धारचूला स्टेडियम का नाम स्व. जवाहर सिंह नबियाल के नाम रखे जाने की घोषणा की गई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘रं’ समाज ने उत्तराखंड राज्य गठन में अपना विशेष योगदान देने के साथ यहां के उच्च अधिकारियों द्वारा राज्य के विकास में भी अपना अविस्मरणीय योगदान देते हुए राज्य को विकास के क्षेत्र में आगे ले जाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि, उत्तराखंड राज्य का जो निर्माण हुआ है वह यहां के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के विकास करने के लिए ही हुआ है, जिस क्षेत्र में सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में पलायन की अत्यधिक समस्या है जिसमें जनपद पौड़ी एवं अल्मोड़ा में सबसे अधिक पलायन हुआ है, इस पलायन को रोके जाने हेतु सरकार द्वारा पलायन आयोग का गठन कर राज्य के प्रत्येक गांव के हर घर का सर्वेक्षण कर इन गांवो के लिए विकास की योजनाएं बनाई जा रही है। जिसके लिए प्रत्येक विकासखण्ड में एक एक ग्रोथ सेन्टर विकसित किए जा रहा है। जिसके माध्यम से गांव में उत्पादित उत्पादों का उचित दाम दिया जाएगा जिससे कि उनकी आर्थिकी और अधिक मजबूत बनने के साथ ही स्थानीय लोगों का रोजगार भी बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ग्रोथ सेन्टर को विकसित करने हेतु बजट का प्राविधान भी सरकार द्वारा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि पहाड़ में उत्पादित चीड़ के पौधे से कुल 143 किश्म की चीजें बनती है। जिसमें लीसा से तारपीन आदि सामग्री के साथ ही इसकी पत्तियों से ईंधन आदि बनाने का कार्य किया जा रहा है, इससे विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मुहैया किया जा रहा है।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य की समस्या के समाधान हेतु राज्य सरकार द्वारा अनेक निर्णय लिए गए हैं। जिसमें राज्य के समस्त 22 लाख 50 हजार परिवारों को रूपये 05 लाख के सालाना स्वास्थ्य बीमा से कवर किया जा रहा है। आगामी 25 दिसंबर से सभी परिवारों को इस बीमा से जोड़ा जाएगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने जनता को अवगत कराया कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक बढ़ाए जाने हेतु आगामी 26 जनवरी से एयर एम्बुलेंस सेवा प्रारम्भ की जा रही है। साथ ही राज्य में कुल 139, 108 वाहन क्रय किए जा रहे हैं जिन्हें सभी विकास खंडों में भेजा जा रहा है।
महोत्सव में उपस्थित वित्त, संसदीय कार्य पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि ‘रं’ समाज द्वारा क्षेत्र की संस्कृति को जीवित रखने के लिए विगत 30 वर्षों से अनवरत रूप से जो कार्य किये जा रहे हैं वह एक सराहनीय कार्य है। यह संस्था समाज को सुविकसित सुसंगठित करने हेतु लगातार प्रयासरत रहकर समाज को प्रगतिशील दिशा में ले जाने का कार्य कर रही है।
इस अवसर पर संस्था के संरक्षक एवं पूर्व मुख्य सचिव उत्तराखंड एनएस नपलच्याल ने ‘रं’ संस्था द्वारा सामाजिक क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से वर्तमान सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को मुक्त करने के लिए जीरो टॉलरेंस पर कार्य किया जा रहा है उसी तरह पलायन को रोकने के लिए पलायन आयोग का गठन किया गया है उससे इस सीमांत क्षेत्र में विकास की एक आस जगी है। अपने संबोधन में विभिन्न मांगों के साथ ही नोटिफाइड एरिया को पूर्व की भांति जौलजीबी लाने की मांग की गई। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा ‘रं’ संस्था द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्थानीय व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया। पर्वतारोहण के क्षेत्र में योगेंद्र सिंह गर्बियाल, सीतल राज, रतन सिंह सवाल, प्रशासनिक सेवा एवं पर्वतारोहण में संजय गुंज्याल, सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु दार्चुला नेपाल विधायक गेलबो बोहरा, जड़ी बूटी उत्पादन में मोहन सिंह एवं रतन सिंह बोनाल, होम स्टे में ग्राम कुटी की सनम कुटियाल, दांतु की जयंती दरियाल, संस्कृति संरक्षण के क्षेत्र में गीतकार प्रेम सिंह सोनाल, कृषि के क्षेत्र में दीपक रोकली को समान्नित किया गया।
इसके अतिरिक्त संस्था द्वारा क्षेत्र के आपदा प्रभावितों को भी आर्थिक मदद दी गई। इस अवसर पर विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक हरीश धामी द्वारा विधायक निधि से सांस्कृतिक मंच धारचूला के सौन्दर्यीकरण हेतु 15 लाख तथा गूंजी ब्यास मेला हेतु 5 लाख रुपये देने की घोषणा की गई।