नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्या शरणार्थियों पर जनवरी तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आज रोहिंग्या पर सुनवई करते हुए मामले की आखिरी सुनवाई को जनवरी 2019 तक के लिए स्थगित कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई अगले साल जनवरी माह में अंतिम सुनवाई करेगा।
दरअसल, इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि रोहिंग्या जो बॉर्डर के जरिए भारत में प्रवेश चाहते हैं, उनको बॉडर से ही वापस भेजा जा रहा है। इसके लिए चिली पाउडर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पर केंद्र सरकार ने कहा था कि हम देश को रिफ्यूजियों की राजधानी नहीं बनने देंगे। ऐसा नहीं हो सकता कि कोई भी आए और देश में रिफ्यूजी के तौर पर रहने लगे। केंद्र सरकार ने यह भी कहा था कि सरकार इस समस्या के समाधान के लिए राजनयिक प्रयास कर रही है, इसलिए कोर्ट को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने एनएचआरसी के वकील से पूछा था कि क्या ऐसे लोगों को देश में घुसने की इजाजत दी जा सकती है? इस पर एनएचआरसी एनएचआरसी ने कहा था कि वो केवल उन लोगों के लिए चिंतित हैं जो बतौर रिफ्यूजी देश में रह रहे हैं। वहीं एक याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने पूछा था कि किसी रिफ्यूजी को देश में आने से किस आधार पर रोका जा सकता है।