उत्तरकाशी: उत्तराखंड का शुरु से ही घोटालों से चोली दामन का साथ रहा है। उत्तराखंड राज्य निर्माण होने के बाद से अब तक प्रदेश में कई घोटाले सामने आ चुके है। प्रदेश में सत्ता में काबिज रही सरकार भले ही विकास कार्यों में नाकाम साबित रही हो लेकिन घोटालों में हर सरकार अव्वल रही है। इसी के चलते सूबे में घोटालों की झड़ी लगी हुई है।
ताजा मामला उत्तरकाशी का है। जहां सीडीओ पर 1 करोड़ 94 लाख 67 हजार रूपये के घोटाले का आरोप लगा है। आरोप जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा ने लगाया है।
हैलो उत्तराखंड से बात करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा ने अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत के प्रभारी पर अनियमित्ता का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि जिला पंचायत का पैसा सीडीओ ने एक ही दिन में 660 इस्टीमेट बनाकर, एक करोड़ 94 लाख 67 हजार का एडवांस चैक तैयार करके सिंचाई विभाग अवस्थापना खंड को देने की पूरी याेजना बना दी थी। ये खाका बिना जेई के ही तैयार किया गया था।
जशाेदा ने आरोप लगाया कि यह चैक सीडीआे ने अपने करीबी (गुणादत्त शर्मा) के लिए तैयार करवाया था।
वहीं जशाेदा ने इस मामले में जिला पंचायत सदस्य दीपक बिजल्वाण पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया है। उन्हाेंने बताया कि जब चैक हस्ताक्षर के लिए मेरे पास पहुंचा तब जाकर मामला मेरे संज्ञान में अाया। अाैर तुरंत चैक को रुकवा दिया।
जशाेदा की माने ताे चैक रुकवाने के बाद से उन्हें ब्लैकमेल करने के साथ ही पैसों का लालच देकर मामले को दबाने की कोशिश की गई।
इस बाबत जब हैलो उत्तराखंड ने सीडीओ विनीत कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि उनके कार्यभार सँभालने से पहले ही मामले की फाइल गतिमान थी।
वहीं चैक जारी करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता गुणादत्त शर्मा को राज्य वित्त के कार्य की योजनाओं के लिए और जिला पंचायत के कार्य के लिए अग्रिम धन राशि स्वीकृत की गई थी। इस घोटाले के मामले को सीडीओ ने नया मोड़ देते हुए इसे पंचायत सदस्य और पंचायत अध्यक्ष की आपसी लड़ाई बताते हुए कहा की मामले में मुझे बेवजह ही घसीटा जा रहा है।
उधर उत्तरकाशी डीएम आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अभी मामला प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास में दायर किया गया है। जैसे ही मामला हमारे पास आएगा उस पर तुरंत नियम संगत के आधार पर कार्यवाही करवाई जाएगी, फिलहाल उनका कहना है कि चेक को रोक दिया गया है।