जयपुर: मंत्रियों तथा सरकारी अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच से बचाने तथा मीडिया को ऐसे मामलों की रिपोर्टिंग से रोकने वाले एक अध्यादेश पर हुई किरकिरी के बाद अब राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने गुर्जरों के लिए एक सकारात्मक कदम तो उठाया है लेकिन उस कदम से भी गुर्जर संतुष्ट नहीं हैं।दरअसल कल विधानसभा में राजे सरकार ने जो बिल पारित कराया है उससे गुर्जर समुदाय इस बिल से असंतुष्ट है और समुदाय का कहना है कि सरकार ने उनसे वादाखिलाफी की है। क्यूंकि पारित बिल में कहीं नहीं कहा गया है कि आरक्षण बढ़ाकर कितना किया जाएगा।समुदाय का कहना है कि हमारा सरकार से जो समझौता हुआ था, उसमें साफ कहा गया था कि सरकार जब विधेयक लाएगी तो उसमें साफ तौर पर लिखा जाएगा कि ओबीसी का कोटा 21 से बढ़ाकर 26 प्रतिशत किया जायेगा और इसमें गुर्जर सहित पांच अति पिछड़ी जातियों को अति पिछड़ा वर्ग में अलग से पांच प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। लेकिन सरकार ने मूल विधेयक में इसका उल्लेख ही नहीं किया।हैलो उत्तराखंड न्यूज़ से बात करते हुए विधानसभा सचिव पृथ्वीराज ने स्पष्ट किया है कि सरकार ने बिल तो पेश किया है और बिल पास भी हो गया है।लेकिन उसमें यह नहीं लिखा गया है कि गुर्जर आरक्षण कितना फीसदी बढाया जायेगा। हालाँकि सरकार ने इस बिल के माध्यम से कमिशन बैठाई जाएगी और कमीशन ही यह तय करेगा कि कितना फीसदी आरक्षण बढाया जायेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इसकी वास्तविक जानकारी तब सामने आएगी, जब इसकी अधिसूचना जारी होगी।