पटना: बिहार की सियासत में लगातार कई मोड़ आ रहे हैं। एनडीए की दो सबसे बड़ी पार्टी भाजपा और जदयू ने मिल बैठकर फिफ्टी-फिप्टी फॉर्मूले से सीटों के बंटवारे की गुत्थी को सुलझा लिया हो, मगर रालोसपा प्रमुख बिहार में एनडीए की सीटों के बंटवारे की उलझन को और उलझा रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने वोट हासिल करने का जो तरीका अपनाया था, वही तरीका अब उपेंद्र कुशवाहा भी अपना रहे हैं। मुजफ्फरपुर में रविवार को उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला और नीच बताए जाने पर नीतीश कुमार से सवाल पूछा। इतना ही नहीं, उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार से डीएनए रिपोर्ट की भी मांग की है, जिस पर बिहार में चुनाव से पहले खूब माहौल गरमा गया है।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बढ़े भाई नीतीश कुमार जी, जब एक ही परिवार से आप और हम हैं तो उपेंद्र कुशवाहा नीच कैसे हो गया? मैं नीतीश कुमार से यह जानना चाहता हूं। उन्होंने आगे कहा कि पीएम ने किसी और संदर्भ में डीएनए की बात करी थी, पर नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के लोगों से कहा कि बाल और नाखून काटकर दिल्ली भेजो, हमारा डीएनए कैसा है। इसकी रिपोर्ट हमें चाहिए। दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान पर गौर किया जाए और नीतीश कुमार के जिस बयान को लेकर वह निशाना साध रहे हैं, उससे यह स्पष्ट होता है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने बीजेपी को टारगेट करने के लिए जो रास्ता अपनाया था, अब वही रास्ता उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार पर दबाव बनाने के लिए अपना रहे हैं।
पीएम मोदी ने नीतीश कुमार को लेकर डीएनए वाला बयान दिया था। जिसके बाद नीतीश कुमार ने इस बयान को बिहार और समूचे बिहारियों से जोड़ दिया था। मतलब स्पष्ट है कि अब नीतीश जिस रास्ते चले थे, अब उन्हीं को टारगेट करने के लिए कुशवाहा भी उसी रास्ते पर चल रहे हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सीटों के बंटवारे में अपना वर्चस्व कायम रखने की उम्मीद से कुशवाहा नीतीश कुमार पर मानसिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर सीटों की सौदेबाजी सही नहीं होती है या फिर एनडीए में समीकरण सही नहीं होते हैं तो नीतीश के नीच वाले बयान को उपेंद्र कुशवाहा हाथियार बनाकर लोगों को अपने पक्ष करेंगे।