पिथौरागढ़: विश्व के सबसे बड़े बांधों में से दूसरे नम्बर पर बनने जा रहे बांध के विरोध के स्वर कुमांउ मंडल से लेकर गढ़वाल मंडल तक गूंजने लगे हैं। एक तरफ केंद्र सरकार और नेपाल सरकार जहां पंचेश्वर डैम को बनाने की सहमति जता चुकी है वहीं इसके विरोध के स्वर और भी गूंजने लगे हैं।
आज इसी के विरोध में उत्तराखंड महिला मंच ने देहरादून डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन सौंपा। मंच की सदस्या शकुन्तला का कहना है कि मंच बांध का पुर जोर विरोध करता है। वहीं मंच ने तीन जन-सुनवाइयों की हुई औपचारिकताओं के नाम पर खानापूर्ति का भी विरोध किया। मंच का कहना है कि हाल ही में पंचेश्वर बहुउद्देश्यीय परियोजना की तीन जनसुनवाइयां हुई लेकिन उनमें केवल खानापूर्ति की गई। मंच सदस्या शकुंतला ने अवगत करया कि सरकार द्वारा 9 अगस्त को चंपावत, 11अगस्त को पिथौरागढ़, और एक जन सुनावाई कार्यक्रम अल्मोड़ा में किया गया लेकिन दुर्भाग्य की बात यह रही कि इसमें लोगों को ही अपनी समस्याएं नहीं कहने दी गई और ना ही उनको बोलने का मौका दिया गया।
वहीं दूसरी तरफ का पिथौरागढ धारचुला क्षेत्र के विधायक हरीश धामी ने पंचेश्वर बांध को विकास नहीं बल्कि विनास की नीव करार दिया। हरीश धामी का कहना है कि बांध बनने के बाद यह संवेदनशील क्षेत्र अति संवेदनशील हो जाएगा और यहां आपदाएं ज्यादा आनें की संभावनाएं और भी बढ़ जायेंगीं।
उधर आज देहरादून में हुई हाई प्रोफाइल बैठक में केन्द्रीय राज्य कपडा मंत्री अजय टमटा ने कहा कि जल्द ही पंच्वेश्वर बाँध को धरातल पर उतारा जायेगा।