नई दिल्ली: सीबीआई में मची उठापठक अभी थमी नहीं है और इसको लेकर विपक्ष सरकार पर बुरी तरह से हमलावर है। अब कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा के पक्ष में आ गए हैं और उन्होंने इसको गलत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कहा की सलेक्शन कमेटी में विपक्ष के नेता के नाते उनको भी पूछा जाना चाहिए, लेकिन सरकार ने एेसा नहीं किया।
उन्होंने कहा कि सीवीसी के पास सीबीआई निदेशक के खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति नहीं है जिसे प्रधानमंत्री, भारत के प्रधान न्यायाधीश और विपक्ष के नेता की समिति नियुक्त करती है। आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने को लेकर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सवाल उठाए हैं, खड़गे का कहना है कि ना तो सीवीसी और न ही सरकार को अधिकार है कि वो आलोक वर्मा को हटा सके। उनकी मांग है कि वर्मा को इस तरह नहीं हटाया जा सकता है।
मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि कानून के मुताबिक शर्मा को 2 साल का कार्यकाल मिलना चाहिए।इससे पहले कांग्रेस के नेता मल्लिकाअर्जुन खड़गे ने कहा था कि सीबीआई चीफ को हटाया जाना शर्मनाक है। खड़गे ने कहा कि वो इस संबंध में पीएम मोदी को तीन पेज का एक पत्र भी लिखे थे, जिसमें उन्होंने बताया है कि वो सीबीआई के निदेशक को हटाने के लिए अकेल कोई फैसला नहीं सकते हैं। खड़गे विपक्षी पार्टी के नेता के तौर पर उस सलेक्शन कमेटी का हिस्सा है जो सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति करती है। बता दें कि इस कमेटी में प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस और नेता प्रतिपक्ष होते हैं।
खड़गे ने कहा कि अकेले पीएम के पास सीबीआई डायरेक्टर को हाटने का अधिकार नहीं है, ना ही इनमें हस्तक्षेप करने का आधिकार है। खड़गे ने कहा कि पीएम और सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता के तौर पर मैं उस सलेक्शन कमेटी का हिस्सा हूं, जो सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति करती है। इस तरह से हटाना बिल्कुल गलत है। कांग्रेस ने कहा कि राफेल डील की जांच के डर से सरकार ने आलोक वर्मा को हटाया है।