पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालयी इलाकों में इस बार अक्टूबर माह से ही बर्फ पड़नी शुरू हो गयी है। यहां छियालेख, नाभीढ़ाग, कालापानी और गुंजी जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान माईनस ड्रिग्री से नीचे पहुंच गया है। ऐसे विषम भौगोलिक हालातों में यहां तैनात आई.टी.बी.पी के हिमवीरों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
दरअसल, पाईपलाईन में पानी जमने से जवानों को पीने का पानी भी मुहैय्या नहीं हो पा रहा है। ऐसे हालात में जवान पाईपों को बर्फ से निकालकर धूप में रख रहे है और पानी के पिघलने का इंतजार कर रहे है। बावजूद इसके जवानों को दो-तीन घंटे तक ही पानी मिल पा रहा है।
धारचूला तहसील की व्यास घाटी में चीन से सुरक्षा के लिए आई.टी.बी.पी. के जवान साल भर यहां तैनात रहते है। मगर इस साल यहां सर्दी अक्टूबर माह में ही शुरू हो गयी है। आई.टी.बी.पी. के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले वर्षों तक दिसम्बर के बाद ही ऐसे हालात देखने को मिलते थे। मगर इस बार ऊंचाई वाले इलाकों में अधिक ठंड और बर्फबारी के चलते ऐसी स्थिति अक्टूबर में ही आ गयी है।
वहीं जिलाधिकारी सी रविशंकर का कहना है कि हर साल जाड़े के दिनों में ऐसी स्थितियां बनती है जब पाईपों में पानी जम जाता है। मगर आई.टी.बी.पी. द्वारा इस समस्या को अपने स्तर पर हल कर लिया जाता है। साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि अगर जवानों को कोई दिक्कत आती है तो वो अपनी तरफ से जवानों को हर संभव मदद करेंगे।