देहरादून: निजी चैनल के सीईओ उमेश कुमार को स्टिंग करने की साजिश के मामले में आज कोर्ट ने आठ नवम्बर तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उमेश कुमार ने एसीजेएम थर्ड रिंकी साहनी की कोर्ट में पेशी के बाद अपना पक्ष रखा। हालांकि, उमेश की ओर से दिल्ली के अधिवक्ता करण गोगना को बुलाया गया था। वहीं, सरकार की ओर से सरकारी अधिवक्ता अल्पना थापा ने पैरवी की।
बता दें कि, इसी चैनल के एक कर्मचारी आयुष गौड़ की शिकायत पर यह मामला खुला है। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश पुलिस की संयुक्त टीम ने रविवार को आरोपित के गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित आवास से पुलिस ने नगदी के साथ ही स्टिंग के उपकरण भी बरामद किए। मामले में उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि के निलंबित कुल सचिव मृत्युंजय मिश्रा और चैनल के तीन कर्मचारियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज है। वहीँ आरोप है कि, शिकायत करने वाले आयुष गौड़ पर स्टिंग के लिए दबाव बनाया जा रहा था।
मामले में आज शिकायतकर्ता आयुष गौड़ ने बताया कि, आरोपितों ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव और कुछ अन्य नेताओं को भी फंसाने का षडयंत्र रचा था। गौरतलब है कि, गिरफ्तार अभियुक्त ने वर्ष 2016 में भी उत्तराखंड में तत्कालीन सीएम हरीश रावत का स्टिंग कर राजनीतिक हलचल मचा दी थी।
वहीँ आयुष गौड़ ने साफ़ तौर पर कहा कि, उन्हें कोई जान का खतरा नहीं है और वो अब भी उक्त समाचार चैनल में कार्य कर रहे हैं। जबकि, एफआईआर में जान का खतरा होना दर्ज किया गया है।