रूद्रपयागः सबसे अधिक उंचाई पर स्थित प्रसिद्ध शिव धाम तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट आज विधिवत परंपरानुसार बन्द हो गये हैं। अब अगले छह महीनों तक भगवान की पूजा शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में होगी।
बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली आज चोपता पहुंच चुकी है, जहां रात्रि विश्राम के बाद डोली कल सुबह बनकुण्ड में दूसरे पड़ाव के लिए पहुंचेगी। डोली यहां पर दो दिनों तक विश्राम करेगी और 30 अक्टूबर को गद्दी स्थल मक्कूमठ पहुंचेगी जहां पर अगले छह महीनों तक बाबा की शीतकालीन पूजा सम्पन्न होंगी।
आज परंपराओं के अनुसार बाबा तुंगनाथ की समाधि पूजा के बाद धाम के कपाट करीब साढ़े 11 बजे बंद किये गये। मक्कूमठ पहुंचने पर बाबा को परंपराओं के अनुसार गर्भगृह में स्थापित कर दिया जायेगा। अगले छह महीनों तक बाबा के यहीं पर दर्शन होंगे।
बता दें कि तुंगनाथ सबसे अधिक उंचाई पर स्थित शिव धाम है और यहां पर भगावान शिव के बाहुभाग की पूजा होती है। यहीं पर महाज्ञानी रावण को अमरत्व का वरदान मिला था तो चन्द्रमा को कोढ़ के श्राप से मुक्ति मिली थी।