देहरादून: ऊजा प्रदेश के नाम से जिस प्रदेश की नींव रखी गई हो उस प्रदेश में आज भी 63 गांव बिजली से वंचित है। आलम ये है कि प्रदेश में टिहरी जैसा बाँध और दर्जनों छोटी-बड़ी जल-विद्युत परियोजनाओं से उत्पादित होने वाली बिजली प्रदेश ही नहीं बल्कि प्रदेश के बाहर भी कई राज्यों को जगमग करती है। बावजूद इसके राज्य गठन के 16 साल बीत जाने के बाद भी सूबे के 63 गाँव आज भी अंधेरे के जद में है।अब राज्य सरकार दीनदयाल ग्राम जोति योजना के तहत बिजली से अछूते गांवो को भी बिजली से जोड़ने की तैयारी में है।ऊर्जा सचिव राधिका झा ने यूपीसीएल की बैठक ली जिसमे यूपीसीएल अधिकारियों को दीपावली तक हर गांव में बिजली पहूचाने के सख्त नि्र्देश दिए हैं।हैलो उत्तराखंड से बात करते हुए मुख्य उर्जा सचिव राधिका झा ने बताया कि दीपावली तक बिजली गांवाें तक पंहुचने के निर्देश दिए है, वही मुख्यममंत्री के ओर से जारी की गई डेडलाइन 31 दिसंबर है लेकिन यूपीसीएल को 31 अक्टूबर तक की समयसीमा दी गई है ताकि जल्द ही 63 गांव भी बिजली की रौशनी से जगमगा जाए।