जब विधायक खजानदास ने लगाई ताल…….

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मसूरी: पुरखों से चली आ रही जौनपुर विकास खंड के बिरोड़ गांव में भगवान रघुनाथ का जागड़ा पारंपरिक रीति रिवाज के साथ आज भी बड़े हर्षौल्लाष के साथ मनाया जाता आ रहा है। यहाँ आज भी हजारों सालों से निभाई जा रही परंपरा को बरकरार रखा गया है। भले ही गाँव से भारी मात्रा में पलायन हो चुका हो लेकिन आज भी लोग अपने गाँव की मिटटी से जुड़े हुए हैं। और साल भर में एक बार मनाये जा रहे इस परम्परा में सम्मलित होते आ रहे हैं।

इस बार भी भगवान रघुनाथ के मंदिर से देवता की डोली निकाली गई। जिसमें काफी बड़ी संख्या में भक्तों ने अपने देवता के दर्शन किये और अपनी व् परिवारजनों की मंगलकामना की कामना की । वहीँ इस दौरान देवताओं ने भी खुश होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद दिया।

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लालूर पटटी के बिरोड़ गांव से पारपंरिक वाद्ययंत्रों के साथ देवता की डोली नैनबाग यमुना नदी में स्नान करने ले जाई गई और वहां से विभिन्न गांवों में दर्शन करते हुए डोली रघुनाथ मंदिर के प्रांगणा में पहुंची। डोली के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। जिसमें उत्तरकाशी, डामटा, सिलवाड़, लालूर, इडवालस्यूं, नौगांव, लुदेरा, बग्लों की कांडी, नागथात, क्यारी सहित देहरादून आदि से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मसूरी पहुंचकर देवता के दर्शन किए।

जब विधायक खजानदास ने लगाई ताल …….

वहीँ इस मौके पर पहुंचे राजपुर के विधायक खजानदास ने भी देवता के सम्मान में ढोल बजाया और देवताओं से आशीर्वाद लिया व् देर रात तक सांस्कृतिक कार्यकर्मों का लुत्फ़ उठाया।

भले ही आज असुविधाओं को देखते हुए पहाड़ों से भारी मात्रा में पलायन हो चुका हो। लेकिन आज भी हमारे पहाड़ी लोग अपनी माटी से जुड़े हुए हैं और आज भी उनके दिलों में पहाड़ व पहाड़ के रीति-रिवाज आज भी जिंदा हैं। 

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