नई दिल्ली: मोदी सरकार में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने मी टू अभियान के तहत अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोपों को लेकर पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है, जिस पर आज कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी। रमानी ने अकबर पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाये हैं।
अकबर पर 20 महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। इससे पहले एजमे अकबर ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि वह न्याय के लिए व्यक्तिगत लड़ाई लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अब वह निजी तौर पर केस लड़ेंगे। उनहोंने पीएम मोदी और सुषमा स्वराज का शुक्रिया अदा भी किया। अकबर पर ये सभी मामले 10 से 15 साल पुराने हैं, जब अकबर मीडिया जगत से जुड़े हुए थे। एमजे अकबर ने मामले में सबसे पहले आरोप लगाने वाली प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दर्ज किया हुआ है, मुकदमा लड़ने के लिए उन्होंने करांजावाला लॉ फर्म की मदद ली है।
मी टू कैंपेन पर राज ठाकरे का बड़ा बयान, बोले- यह पेट्रोल-डीजल के दाम, बेरोजगारी से ध्यान भटकाने के लिए है। कोर्ट ने अगली तारीख 31 अक्टूबर की मुकर्रर की है। इस दिन एमजे अखबर कोर्ट में अपना बयान रिकार्ड कराएंगे। एमजे अकबर के वकील ने कहा कि प्रिया का दूसरा ट्वीट डीफेमेटरी है। ये सब सोशल मीडिया, अखबारों और पत्रिकाओं में ये ट्वीट छप रहे हैं, जिससे मेरे क्लाइंट की छवि को नुकसान पहुंच रहा है।
ट्वीट के 1200 लाइक हुए और बहुत रीट्वीट भी हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी खबर छपने लगी है। एम.जे अकबर को इस कदर डीफेम किया गया कि उन्होंने खुद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मेरे क्लाइंट का लंबा पत्रकारिता और राजनीतिक इतिहास रहा है। मेरे क्लाइंट की पिछले 40 साल में बनाई गई रिप्यूटेशन खराब हो रही है।
अकबर की वकील गीता लूथरा ने जज को ट्वीट के बारे बताया कहा कि ट्वीट में एमजे का नाम नहीं लिया। वह कोर्ट में पत्रकार रमानी का स्टेटमेंट पढ़ रही हैं। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल इस निजी आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई कर रहे हैं। एमजे अकबर खुद कोर्ट में मौजूद नहीं हुए हैं। उनकी ओर से सीनियर वकील गीता लूथरा ने दलीलें दी।