नई दिल्ली: स्वयंभू संत रामपाल को हत्या के एक और मामले में बुधवार को हिसार अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। उनके अलावा 13 अन्य आरोपियों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई। हत्या के दूसरे मामले में भी सभी आरोपियों पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। रामपाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर नंबर 430 के तहत ये सजा सुनाई गई है। इस मामले में भी आईपीसी की धारा 302,120 बी और 343 के तहत केस चला था।
यह मामला आश्रम में महिला की हत्या से जुड़ा है। रामपाल को एक महिला की हत्या के मामले यानी केस नंबर-430 में दोषी पाया गया है। इसमें रामपाल समेत 13 आरोपी थे। सजा के ऐलान से पहले हिसार में सुरक्षा बलों की मुस्तैदी बढ़ा दी गई थी। दो दर्जन से ज्यादा मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए थे।
इससे पहले, मंगलवार को हिसार कोर्ट ने चार महिलाओं और एक बच्चे की मौत के मामले में रामपाल के खिलाफ सजा का ऐलान किया। एफआईआर 429 में रामपाल को 16 अक्टूबर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। एफआईआर नंबर 429 के मुताबिक नवंबर 2014 में बरवाला के सतलोक आश्रम में रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान उस पर और उसके 15 समर्थकों पर चार महिलाओं और एक बच्चे की हत्या करने का आरोप था।
इससे पहले 11 अक्टूबर को कोर्ट ने रामपाल को दोनों मामलों में दोषी ठहराया था। रामपाल नवंबर 2014 से जेल में बंद है। इससे पहले, हिसार अदालत ने अगस्त 2017 में रामपाल को लोगों को बंधक बनाने, गैरकानूनी ढंग से इकट्ठा होने, लोकसेवक के आदेश की अवहेलना करने के दो मामलों में बरी कर दिया था।