“मी टू” अभियान की चपेट में विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर

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नई दिल्ली: यौन शोषण के मामलों बाॅलीवुड अदाकारा तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर पर आरोप लगाए। उसके बाद से मामला लगातार बढ़ता ही जा रहा है। एक के बाद एक महिलाएं सामने आ रही हैं, जिनको यौन शोषण का शिकार होना पड़ा था। बाॅलीवुड से निकलकर ‘‘मी टू’’ का असर राजनीति पर भी नजर आने लगा है। इसमें सबसे पहला नाम विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर को आया है। उन पर दो माहिला पत्रकारों ने आरोप लगाए हैं।

मी टू अभियान ने अब जोर पकड़ लिया है। विदेश राज्य मंत्री एम.जे अकबर पर दो महिला पत्रकारों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। 2017 में हुई घटना की एक महिला पत्रकार ने आपबीती बताई है। उसके मुताबिक उसके बॉस ने उसे होटल के कमरे में उसे जॉब इंटरव्यू के लिए बुलाया था। अकबर कई अखबार और पत्रिकाओं में संपादक रह चुके हैं। हार्वे विन्सिटन्स ऑफ द वर्ल्ड नाम से लिखे पोस्ट में कहा कि अकबर ने होटल के कमरे में उनका इंटरव्यू लिया और उन्हें शराब ऑफर की। उन्होंने बिस्तर पर उनके पास बैठने को कहा। पोस्ट में कहा गया कि अकबर अश्लील फोन कॉल्स, मैसेज और असहज टिप्पणी करने में माहिर हैं। अकबर ने हिन्दी गाने भी गाए।

इन आरोपों के बाद एमजे अकबर विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। उनसे इस्तीफे की मांग की गई है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने कहा कि ये गंभीर आरोप हैं और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। अब सवाल ये है कि क्या अकबर सामने आकर इस पर सफाई देंगे। “मी टू” के तहत कई वर्ष पहले कथित रूप से यौन शोषण का शिकार बनी महिलाएं सोशल मीडिया में सामने आ रही हैं और गुनाहगारों के नाम सार्वजनिक कर रही हैं।

केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने भी “मी टू” अभियान को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस अभियान पर खुशी जताते हुए कहा कि इससे भारत में महिलाओं को सामने आकर शिकायत करने का हौसला मिला है। मेनका गांधी ने कानून मंत्रालय से कहा है कि बाल यौन उत्पीड़न के लिए तय आयुसीमा हटाई जाए ताकि 10-15 साल बाद भी लोग ऐसे मामलों की शिकायत कर सकें।

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