नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की मार से आम जनता को सरकार ने बड़ी राहत देने का प्रयास किया है। पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर से एक्साइज ड्यूटी 1.50 रुपये घटाने का फैसला किया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेंस कॉन्फ्रेंस कर तेल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती का ऐलान किया. इससे पहले पेट्रोलियम सचिव ने वित्तमंत्री अरुण जेटली और वित्त सचिव से मुलाकात कर पेट्रोल दामों की बढ़ी हुई कीमतों में राहत देने के उपायों पर चर्चा की. इससे पहले ऐसी खबरें थीं कि जनता को राहत देने के लिए वित्तमंत्री एक्साइज ड्यूटी में कटौती का ऐलान कर सकते हैं. कैबिनेट की बैठक के बाद नरेंद्र मोदी, वित्तमंत्री और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच जनता को राहत देने के उपायों पर चर्चा हुई थी.
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारें भी दाम घटाएं ताकि लोगों को 5 रुपये की राहत मिले. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें भी दें लोगों को राहत. अरुण जेटली ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे भी अपने स्तर से पेट्रोल और डीजल के दाम घटाएं. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बाहरी दवाबों के कारण तेल के दाम बढ़े हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे हुए हैं. अरुण जेटली ने कहा कि ब्रेंट क्रूड बुधवार को चार साल के उच्चतम स्तर 86 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, अमेरिका में ब्याज दर सात साल के उच्च स्तर पर है. अरुण जेटली ने कहा कि अमेरिकी नीतियों को दुनिया भर में असर है. बाकी आर्थिक पैमानों पर हम बेहतर हैं.
सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों ने गुरुवार को जारी अधिसूचना में बताया कि पेट्रोल और डीजल के दाम क्रमशः 15 पैसे और 20 पैसे प्रति लीटर बढ़ाये गए हैं. इस वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल अब 84 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल 75.45 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है. यह दोनों का सर्वकालिक उच्च स्तर है. ईंधन के बढ़ते दाम से किसानों की पहले से बदहाल स्थिति और खराब होने की आशंका है. विशेषकर रबी फसलों पर इसका अधिक प्रभाव पड़ने का अनुमान है.
डीजल अभी रिकॉर्ड उच्च कीमत पर बेचा जा रहा है. यह कृषि क्षेत्र में सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाता है. खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर से लेकर सिंचाई के पंपसेट तक डीजल से ही चलते हैं. अतरू डीजल के महंगा होने से किसानों पर इसका असर पड़ना अवश्यंभावी है. ऐसा माना जा रहा है कि दोनों मंत्रियों ने कच्चा तेल की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों तथा रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिरते जाने के प्रभावों को दूर करने पर चर्चा की. साथ ही सब्सिडी वाला घरेलू रसोई गैस सिलेंडर भी पहली बार 500 रुपये प्रति सिलिंडर को पार कर गया है.