श्रीनगर: टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं पर शिकंजा कसने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) उनके समर्थकों पर भी कार्रवाई तेज कर दी है। एनआईए ने श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में अलगाववादी समर्थक एजाज अहमद हक्काक के घर छापेमारी की। एजाज के घर पर यह छापेमारी आतंकियों को धन मुहैया कराने के सिलसिले में हुई है। टेरर फंडिंग मामले में जांच एजेंसियों ने पिछले कुछ महीनों में अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोपपत्र भी दाखिल किए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कार्रवाई का दायरा और बढ़ाया जा सकता है।
घाटी में टेरर फंडिंग मामले की जांच एनआईए 2017 से कर रही है। इस दौरान उसने कई अलगाववादियों नेताओं से पूछताछ के बाद आरोपपत्र दाखिल किया है। एनआईए की आज की रेड पूछताछ में सामने आए नए नामों के आधार पर हो रही है। एजाज को अलगाववादी नेताओं का समर्थक माना जाता है। सुरक्षा एजेंसियों की कई दिनों से उस पर नजर थीं। एनआईए के अधिकारी आज सुबह स्थानीय पुलिस के साथ यहां पहुंचे और एजाज के घर पर छापा मारा।
बता दें कि टेरर फंडिंग मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गत दो फरवरी को एनआईए की ओर से दायर चार्जशीट का संज्ञान लिया। एनआईए ने 18 जनवरी को आरोपपत्र दाखिल किया था। इस आरोपपत्र में लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद, हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन एवं कश्मीर के सात अलगाववादी नेताओं सहित 12 लोगों के नाम हैं। एनआईए ने अपनी 12794 पन्नों की चार्जशीट आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तरुण शेरावत की कोर्ट में दाखिल किया है। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियां भड़काने के लिए पाकिस्तान अलगाववादी एवं हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं को फंड मुहैया करा रहा है।
इसके अलावा जांच एजेंसी ने 2011 के आतंक के वित्तपोषण से जुड़े एक मामले में दुनिया भर में वांछित आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन के बेटे सैयद शकील यूसुफ को गिरफ्तार किया। शकील पर अपने पिता से कथित तौर पर धन लेने का आरोप है। एनआईए के एक प्रवक्ता ने दिल्ली में बताया कि शकील को श्रीनगर के रामबाग इलाके से गिरफ्तार किया गया। वर्तमान में वह एक प्रतिष्ठित सरकारी अस्पताल में प्रयोगशाला सहायक के तौर पर काम करता है।
एनआईए का आरोप है कि शकील अमेरिका की पैसों के लेन-देन से जुड़ी एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन कंपनी के मार्फत इस मामले में एक अन्य आरोपी एजाज अहमद भट से पैसा प्राप्त करता था। सऊदी अरब का रहने वाला एजाज फरार है। एजेंसी का आरोप है कि शकील ‘भट के कई भारतीय संपर्कों में से एक थाश् जो पैसों के लेन-देन संबंधी कोड के लिए उसके साथ फोन पर संपर्क में रहता था। एनआईए द्वारा अप्रैल 2011 में दर्ज यह मामला दिल्ली के मार्फत हवाला माध्यमों से धन को पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर भेजे जाने से जुड़ा है। एजेंसी का मानना है कि इन पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्तपोषण और अलगाववादी गतिविधियों के लिए किया गया।