अल्मोड़ा: अल्मोड़ा के विश्वनाथ घाट में बना वन विभाग का टाल प्रशासन की अनदेखी के चलते पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। टाल के क्षतिग्रस्त होने से लोगों को शवदाह करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। टाल के क्षतिग्रस्त होने से वन विभाग द्वारा शवदाह के लिए उपलब्ध कराए जाने वाली लकड़ियों को खुले में रखा जा रहा है जिस कारण वर्षा के दौरान लकड़ियां पूरी तरह भीग जाने से लोगों को शवदाह करने में भारी कठिनाईयों का सामना करना पडता है और लोगों को शव दाह करने में पैट्रोल डीजल का सहारा लेना पडता है। वहीं शवदाह को लेकर वन विभाग द्वारा मिलने वाली लकड़ियों की भी भारी कमी बनी रहती है।
अल्मोड़ा नगर से लगभग 10 किमी. की दूरी पर स्थित विश्वनाथ घाट में शवदाह के लिए लगभग प्रतिदिन शव पहुंचते है। लेकिन खुले में रखी गई लकड़ियों से शवदाह में घंटों लगने के कारण लोगों को काफी परेशानीयों का सामना करना पडता है वन विभाग द्वारा बारिश के दौरान लकडियों को रखने की कोई व्यवस्था नही की गयी है। जिस कारण बारीश के दौरान शव दाह करने में लोगों को पैट्रोल डीजल का सहारा लेना पडता है शव को पूरा दाह करने में लोगों के घण्टों बरबाद हो जाते है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अल्मोडा में बनाया गया शव दाह टाल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। टाल के क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद भी अभी तक प्रशासन द्वारा ना ही टाल को बनाया गया है और ना ही लकडिया रखने की कोई व्यवस्था की गयी है। लोगों ने जल्द से क्षतिग्रस्त हुए वन विभाग के टाल को दुरस्त करने और टाल में पर्याप्त मात्रा में शवदाह के लिए सूखी लकड़ी उपलब्ध कराने की मांग की है।
इस मामले में जिलाधिकारी नितिन भदौरिया का कहना है कि यह बहुत जरूरी मसला है इसमें जल्द ही एसडीएम और वन विभाग की एक ज्वाइंट रिपोर्ट मंगाकर इसके पुननिर्माण और पुनरूद्धार के लिए तत्काल कदम उठाया जाएगा, और आम लोगों की परेशानी को जल्द दूर किया जाएगा।