नई दिल्ली: विश्वविद्यालयों में ‘सर्जिकल स्ट्राइक दिवस’ मनाने संबंधी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानि यूजीसी के निर्देश को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को सवाल किया कि क्या यूजीसी आठ नवंबर को हुई नोटबंदी को भी ‘सर्जिकल स्ट्राइक दिवस’ के रूप में मनाने की हिम्मत करेगा।
पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री सिब्बल ने ट्वीट कर कहा कि यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे 29 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक दिवस के रूप में मनाएं। क्या इसका मकसद लोगों को शिक्षित करना है या फिर बीजेपी के राजनीतिक हितों की पूर्ति करना है?’’
वहीं इस मामले पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमने इसे अनिवार्य नहीं बनाया है। उन्होंने कहा कि ‘हमने संस्थानों या छात्रों पर कोई बाध्यता नहीं लगाई है। हमने यह कार्यक्रम आयोजित किया है क्योंकि हमें बहुत से छात्रों और अध्यापकों से सुझाव मिले थे कि उन्हें सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी सालगिरह मनाने की जरूरत है। 29 सितंबर को जो कॉलेज चाहते हैं हमने उन्हें पूर्व-सेना के अधिकारी के एक लेक्चर का इंतजाम करने के लिए कहा है। जो बच्चों को बताएंगे कि कैसे सुरक्षाबल देश की रक्षा करते हैं और किस तरह से सर्जिकल स्ट्राइक की जाती है।’
बता दें कि गुरूवार को यूजीसी ने देशभर के विश्वविद्यालयों और उच्चतर शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि वह 29 सितंबर को ‘सर्जिकल स्ट्राइक दिवस’ के तौर पर मनाएं। आयोग ने दिवस मनाने के लिए सशस्त्र बलों के बलिदान के बारे में पूर्व सैनिकों से संवाद सत्र, विशेष परेड, प्रदर्शनियों का आयोजन और सशस्त्र बलों को अपना समर्थन देने के लिए उन्हें ग्रीटिंग कार्ड भेजने समेत अन्य गतिविधियां बताई हैं। वहीं भारत सरकार ने 29 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक डे मनाने का फैसला किया है।