भारत के ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनियों में शुमार फ्लिपकार्ट को नए कीर्तिमान स्थापित करने में जल्द ही जापानी दूरसंचार और इंटरनेट संगठन सॉफ्टबैंक से मदद मिलेगी। सॉफ्ट बैंक फ्लिपकार्ट पर निवेश कर फ्लिपकार्ट को भारतीय ई-कॉमर्स का बादशाह बनाये रखने में अहम भूमिका निभाएगी।
विदेशी ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़ॅन और अलीबाबा, भारत के 30 अरब डॉलर के ई-कॉमर्स बाजार पर निगाहे गाड़े हुए है, और जल्द ही भारतीय बाजार में पकड़ बनाने कि कोशिश में जुटे है लेकिन सॉफ्टबैंक द्वारा फ्लिपकार्ट में किये जा रहे निवेश के बाद विदेशी कंपनियों को फ्लिपकार्ट कड़ी टक्कर देते हुए भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र में पहले पायदान में आ जाएगी।
सॉफ्ट बैंक फ्लिपकार्ट में 2 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहा है। लेकिन सॉफ्ट बैंक पूरी धनराशी एकमुश्त नही देगा बल्कि प्राथमिक धन के रूप में 2 अरब डॉलर में से केवल $ 500 मिलियन दिए जायेंगे और बाकि की शेष 1.5 अरब डॉलर स्नैपडील के निवेशक को भुगतान करने के लिए इस्तेमाल करी जाएगी।
पहले स्नैपडील ने फ्लिपकार्ट के 850 मिलियन डॉलर के बाय आउट ऑफर को अस्वीकार कर दिया क्योंकि स्नैपडील के बोर्ड ने महसूस किया कि इस ऑफर ने कंपनी का कम मूल्यांकन किया था। और अब फ्लिपकार्ट अपनी प्रतिद्वंदी कंपनी को लुभाने के लिए उनके सामने 1 अरब डॉलर की पेशकश रखने के बारे में सोच रही है।
स्नैपडील और फ्लिपकार्ट के बीच का समझौता अगर पूरा हुआ, तो भारतीय ई-कॉमर्स विश्व में सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा। फरवरी 2016 में स्नैपडील का आंकलन 6.5 अरब डॉलर से घटकर 1 अरब डॉलर रह गया है। ये सौदा एक माह के भीतर पूरा होने कि उम्मीद जताई जा रही हैं। और यह मर्जर डील होने के बाद फ्लिपकार्ट भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी बन जाएगी।