नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रस्तावित सम्मेलन इन दिनों काफी चर्चाओं में है। इस सम्मेलन के लिए आरएसएस ने पहले राहुल गांधी समेत 3000 हजार लोगों को आमंत्रण भेजा। अब संघ ने पाकिस्तान को छोड़कर, अगले हफ्ते दिल्ली में होने वाली तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला के लिए लगभग 60 देशों को निमंत्रण भेजने की तैयारी कर ली है।
इस कार्यक्रम को संघ प्रमुख मोहन भागवत संबोधित करेंगे और दर्शकों के भी सवाल लिए जाएंगे। आरएसएस उन सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों और क्षेत्रीय दलों को भी आमंत्रित कर रहा है जो विभिन्न मुद्दों पर आरएसएस को आक्रामक रूप से लक्षित करते हैं। राजनयिक मिशन और राजनीतिक दलों के अलावा आरएसएस उद्योग, मीडिया और अन्य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर सकता है। आरएसएस के एक कार्यकर्ता ने कहा, श्पाकिस्तान को छोड़कर अधिकांश एशियाई देशों के दूतावासों को निमंत्रण भेजा जाएगा।
पाकिस्तान को आमंत्रित नहीं किया जाएगा क्योंकि वह देश आतंक का समर्थन करता है, सीमाओं पर भारतीय सैनिकों को मारता है और भारत के साथ इसके संबंध तनावग्रस्त हैं। उन्होंने कहा कि चीन के दूतावास को भी आमंत्रित किया जाएगा क्योंकि चीन में भारत के साथ सांस्कृतिक समानताएं हैं। भविष्य का भारत- संघ की दृष्टिश् कार्यक्रम विज्ञान भवन में आगामी 17 से 19 सितंबर तक चलेगा। इसमें मोहन भागवत लोगों से संवाद करते नजर आएंगे।
संघ के इस कार्यक्रम में भविष्य के भारत पर चर्चा होगी। आरएसएस ने इस कार्यक्रम के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और अखिलेश यादव को भी आमंत्रित किया है। इसके लिए राजनीतिक, धार्मिक, अल्पसंख्यक संगठनों के लोगों और पूर्व ब्यूरोक्रेट्स सहित लगभग 3000 लोगों को आमंत्रण भेजा गया है।