देहरादून: एनएच-74 मामले में आरोपों में घिरे दो आईएएस अधिकारी पंकज कुमार पांडे और चंद्रेश कुमार यादव को आखिरीकार सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। दोनों से पिछले दिनों एसआईटी ने पूछताछ की थी। पूछताछ के बाद एसआईअी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद सरकार ने दोनों आईएएस अधिकारियों के निलंबन के आदेश कर दिए हैं। आईएएस अधिकारियों के निलंबन की पुष्टि खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की है।
सीएम ने काफी समय से लंबित चल रही फाइलों को लेकर सीएम ने 10 सितंबर को खुद ही फाइलों को मंगवाया। उनका अध्ययन करने के बाद उन्होंने निलंबन के आदेश कर दिए हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर दोनों आईएएस अधिकारियों के नाम सामने आने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई से कतराने का आरोप भी लगे थे। सीएम ने उन अरोपों से साफा इंकार किया था। उनका कहना था कि समय पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कार्रवाई कर जीरो टाॅलरेंस की नीति को साबित करने का प्रयास भी किया है। इससे यह संदेश भी जाएगा कि भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर किसी का बचना संभव नहीं होगा।
इससे पहले दोनों आईएएस का नाम सामने आने के बाद आईएएस लाॅबी ने मामले को दबाने की पूरी कोशिश की थी। सीमए त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिलने का प्रयास भी किया गया। मुलाकात भी हुई, लेकिन उनकी रणनीति काम नहीं आई। अब दोनों आईएएस अधिकारियों को सस्पेंड किए जाने के बाद पूरी आईएएस लाॅबी सकते में हैं। आईएएस लाॅबी को इस कार्रवाई से बड़ा संदेश गया है। जिसका असर भी देखने को मिलेगा।
एनएच-74 मामले में पहले की कई पीसीएस अधिकारी सस्पेंड हो चुके हैं। उनमें से ज्यादातर सलाखों के पीछे हैं। इस मामले का खुलासा कुमाऊं के तत्कालीन कमीश्नर डी.सेंथिल पांडियन ने किया था। उन्होंने अपने स्तर से जांच कर इस घोटाले का पता लगाया था। मामले के काफी चर्चा में आने के बाद सरकार ने एसआईटी जांच के आदेश दिए। हालांकि सरकार को एसआईटी जांच को लेकर आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा था। कांग्रेस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रही थी, लेकिन त्रिवेंद्र रावत सरकार ने एसआईटी पर ही भरोसा जताया। जिसका नेतृत्व डाॅ.सदानंद दाते कर रहे हैं।