नई दिल्ली: केंद्र सरकार की तरफ से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलने वाले माननदेय को बढ़ाने का फैसला किया गया है, जिन्हें अभी 3000 रूपये का मानदेय मिलता था, उन्हें अब 4500 रूपये रूपये मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से नरेंद्र मोदी एप के जरिये संवाद में यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने बताया कि जिन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 2250 रूपये था, उन्हें अब 3500 रूपये मिलेगा। आंगनवाड़ी सहायिकाओं को 1500 रूपये के स्थान पर 2200 रूपये मिलेंगे। यह बढ़ा हुआ मानदेय अगले माह से लागू होगा। आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ‘अपने लाखों हाथ’ के रूप में रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार का ध्यान पोषण और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने पर है।
पीएम मोदी ने कहा कि टीकाकरण की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है जिससे महिलाओं और बच्चों को खासी मदद मिलेगी। आपको बता दें कि करीब 14 लाख (2013 की गणना के मुताबिक) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पोषण का सीधा संबंध स्वास्थ्य से होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने झुंझनू से राष्ट्रीय पोषण मिशन की शुरुआत की थी। यह हमारे लिए बहुत बड़ा मिशन है। इसमें आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। होम बेस्ड न्यूबोर्न केयर के माध्यम से आप हर वर्ष देश के लगभग सवा करोड़ बच्चों की देखभाल कर रहे हैं। आपकी मेहनत से ये कार्यक्रम सफल हो रहा है, जिसके कारण इसको और विस्तार दिया गया है। अब इसको होम बेस्ड चाइल्ड केयर का नाम दिया गया है।
साल 2014 के बाद से मिशन इंद्रधनुष के तहत पिछड़े इलाकों के नन्हे-मुन्नों तक पहुंचा गया है साथ ही 85 लाख गर्भवती महिलाओं का भी टीककरण संभव हुआ। चाहे आशा हो, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हो या फिर महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता राष्ट्र निर्माण के अग्रणी सिपाही हैं। मुझे खुशी है आप सभी देश के भविष्य को मजबूत करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है, देश की हर माता हर शिशु के सुरक्षा घेरे को मजबूत करने का जिम्मा आपने अपने कंधो पर उठाया है। पूरे देश में सितंबर महीने में पोषण माह मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य देश के प्रत्येक घर में अधिकतम पोषण के संदेश को पहुंचाना है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि एक नवजात शिशु को परिवार वालों ने मृत मान लिया था। नवजात केयर प्रशिक्षण का उपयोग कर मनीता देवी ने उपचार प्रारंभ किया, एंबुलेंस के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्र ले गई। वाकई आपने जीवन बचाने का कार्य किया है। सुरक्षा के इस घेरे के तीन पहलू हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पोषण, टिकाकरण, स्वच्छता। मैं देश के उन हजारों-लाखों डॉक्टरों का भी आभार व्यक्त करना चाहूंगा, जो बिना कोई फीस लिए, गर्भवती महिलाओं की जांच कर रहे हैं। आप सभी मेरे साथी है, पहले के जमाने में कहते थे भगवान हजार बांहों वाला होता है इसका मतलब था की उसकी टीम में 500 ऐसे लोग होते थे जो हर समस्या का निवारण करने में सक्षम थे। पहले जन्म के 42 दिन तक आशा वर्कर को 6 बार बच्चे के घर जाना होता था। अब 15 महीने तक 11 बार आपको बच्चे का हालचाल जानना जरूरी है। मुझे विश्वास है कि आपके स्नेह और अपनेपन से एक से एक बेहतरीन नागरिक देश को मिलेंगे। पीएम ने कहा कि आप सभी कार्यकर्ताओं को आयोडीन और आयरन युक्त डबल फोर्टिफाइड नमक के इस्तेमाल के लिए लोगों को और जागरूक करना पड़ेगा ताकि एनीमिया जैसी बीमारियों को दूर किया जा सके। गर्भवती महिलाओं की देखभाल और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए बहु-मॉडल हस्तक्षेप के माध्यम से कुपोषण से निपटने की अपने तरह की अनोखी पहल शुरू की गई है।
शिशु के जीवन के पहले 1000 दिवस बेहद महत्वपूर्ण है। इस दौरान मिलने वाली खुराक और स्वास्थ्य देखभाल ही भविष्य तय करता है और देश का विकास सुनिश्चित करता है। स्वस्थ और सक्षम भारत के निर्माण में आप सभी की शक्ति पर मुझे, पूरे देश को पूरा भरोसा है। पीएम मोदी ने कहा कि हमें मिलकर कुपोषण के खिलाफ, गंदगी के खिलाफ, मातृत्व की समस्याओं के खिलाफ सफलता हासिल होगी। सुरक्षित मातृत्व अभियान जो सरकार ने चलाया है उसकी अधिक से अधिक जानकारी आपको लोगों तक पहुंचानी है। गांव, दूर दराज के लोगों से मुलाकात करने के बाद महसूस होता है कि देश किस प्रकार से आगे बढ़ रहा है और आशा से भरा है। वरना तो कुछ लोग निराशा फैलाने में ही लगे हैं। प्रौद्योगिकी ने आज अनेक मुश्किलों को आसान कर दिया है। प्रौद्योगिकी जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। हमारा फोन अनेक सवालों का जवाब है। सरकार तो फोन के माध्यम से ही अनेक प्रकार की सुविधाएं सभी देशवासियों तक पहुंचा रही है।