नैनीताल: हाईकोर्ट ने एम्स ऋषिकेश में अक्टूबर 2017 को अचानक 10 गुना रेट बढ़ाये गए आदेश से प्रभावित गरीब मरीजो को बढे हुए शुल्क को वापस किये जाने व भविष्य में प्रदेश के लोगो को उचित दामो पर इलाज उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश राजीव शर्मा एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार, वनारस निवासी प्रवीन कुमार सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा था कि अक्टूबर 2017 में एम्स ऋषिकेश ने ईलाज की रेट में 10 गुना वृद्धि कर दी। जहाँ पहाड़ के गरीब लोग हजारों की संख्या में प्रतिदिन ईलाज करवाते हैं। जिसके विरोध में प्रवीण सिंह द्वारा नवम्बर माह में आमरण अनशन किया गया। विरोध के बाद एम्स ऋषिकेश ने ईलाज की दर वापस ली। लेकिन भविष्य में रेट बढ़ ना जाय इसके लिए प्रवीण सिंह हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की। याचिका में कहा कि एम्स ऋषिकेश द्वारा ईलाज की दर में अप्रत्याशित और बेतहाशा बढोत्तरी कर दी थी। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एम्स ऋषिकेश को निर्देश दिया है कि मरीजो से उचित रेट पर उनके आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर ही इलाज शुल्क लिया जाय।