नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेकैया नायडू ने कहा कि मैं नाखुश हूं। जिस वक्त वह यह बात कह रहे थे। उस वक्त पीएम मोदी और पूर्व पीएम डाॅ. मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा भी मौजूद थे। मौका था वेंकैया नायडू की पहली पुस्तक ‘मूविंग आन मूविंग फारवर्ड, ए इयर इन ऑफिस’ के विमोचन का। किताब के विमोचन के मौके पर वेंकैया नायडू ने संसदीय काम-काज से ?नाखुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि मुझे थोड़ी नाखुशी है कि संसद जिस तरह से चलना चाहिए, उस तरह से नहीं चल रहा।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायूड ने कहा कि मैं थोड़ा नाखुश हूं कि संसद में उस तरह कामकाज नहीं चल रहा, जिस तरह चलना चाहिए. वहीं, दूसरी ओर सब कुछ सही चल रहा है। विश्व बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम आदि जो भी रेटिंग दे रहे हैं, वह दिल गदगद करने वाला है। आर्थिक मोर्चे पर जो भी हो रहा है, उस पर सभी भारतीय को गर्व करना चाहिए। वेंकैया नायडू ने पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में यह भी कहा कि कृषि को निरंतर सहायता की जरूरत है। उपराष्ट्रपति के रूप में अपने अनुभव के बारे में बताते हुए नायडू कहा कि यह ऐसा समय है जब देश आगे बढ़ रहा है। मुझे इस पद के साथ एक नई भूमिका में देश और इसके लोगों की सेवा करने के लिए गौरवान्वित महसूस हो रहा है। यह एक क्षण है जब देश को बदलने के लिए दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि अभी बहुत रास्ता तय करना बाकी है। हमें एक राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ना चाहिए। हमें दृढ़ता से आगे बढ़ना चाहिए। इस मौके पर वेंकैया नायडू को लेकर पीएम मोदी ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए कहा, अटलजी वेंकैया नायडू को एक मंत्रालय देना चाहते थे। वेंकैया जी ने कहा, मैं ग्रामीण विकास मंत्री बनना चाहता हूं। वह दिल से किसान हैं। वह किसानों और कृषि के कल्याण की दिशा में समर्पित हैं। पुस्तक के विमोचन समारोह के दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह शायराना अंदाज में नजर आए। अपने संबोधन के दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने एक कविता सुनाई – सितारों के आगे जहां और भी हैं, अभी इश्क के इम्तेहां और भी हैं।