नई दिल्ली: चीन की सांगपो नदी में लगातार जलस्तर बढ़ता जा रहा है और अब चीन ने भारत को बाढ़ का अलर्ट भारत को भेजा है। चीन की ओर से जारी अलर्ट में कहा गया है कि सांगपो नदी में बढ़ते जलस्तर की वजह से असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में बाढ़ आ सकती है। सांगपो नदी को असम में ब्रह्मपुत्र और अरुणाचल प्रदेश में सियांग नदी के नाम से जानते हैं। अरुणाचल प्रदेश से सांसद निनोंग एरिंग की ओर इस बात की जानकारी दी गई है। असम और अरुणाचल प्रदेश दोनों ही राज्यों में बाढ़ के हालातों से निबटने के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं।
भारत के केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि यह एक अभूतपूर्व स्थिति है जहां सांगपो नदी उफान पर है और इसने 150 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि चीन ने भारत के साथ सूचना साझा की है। एरिंग ने बताया कि चीन में भारी बारिश के चलते सांगपो नदी में उफान के बाद बीजिंग ने भारत को अलर्ट जारी किया है। उन्होंने बताया, ‘स्थानीय अधिकारियों ने मुझे बताया कि चीन सरकार ने भारत सरकार से कहा है कि अरुणाचल प्रदेश के हिस्सों में बाढ़ आने की आशंका है. हमने अलर्ट को गंभीरता से लिया है और लोगों को आगाह किया है।’ चीन की सरकार की जारी एक रिपोर्ट की मानें तो ब्रह्मपुत्र नदी में 9020 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। सांसद ने कहा कि सियांग गुरुवार तक शांत रही है, लेकिन पूर्वी और ऊपरी सियांग जिलों के लोगों को सतर्क किया गया है। उन्होंने कहा कि उनके खुद के गांव के बाढ़ की चपेट में आ जाने का खतरा है। केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि भारतीय विशेषज्ञों ने चीन द्वारा साझा किए गए ब्योरे का विश्लेषण किया है और इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि भारत में बहुत ज्यादा असर नहीं होगा, यद्यपि चीन में खतरनाक स्थिति हो सकती है।
इस साल यह पहली बार है जब चीन ने भारत के साथ नदी का ब्योरा साझा करना शुरू किया है।चीन ने ब्योरा 15 मई से साझा करना शुरू किया था, जबकि सतलज नदी से संबंधित ब्योरा एक जून से साझा करना शुरू किया। दोनों पक्षों द्वारा इस साल मार्च में मुद्दे पर वार्ता के बाद ब्योरा साझा करने की शुरुआत हुई। पड़ोसी राज्य असम में के डिब्रूगढ़ और धेमाजी जिलों में भी अधिकारियों ने इससे निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और केंद्रीय जल आयोग की ओर से जोरदार बारिश से ब्रह्मपुत्र नदी के स्तर के बढ़ने की चेतावनी जारी करने के बाद यह कदम उठाए गए हैं। पिछले साल चीन ने कहा था कि बाढ़ की वजह से पानी एकत्र करने वाले सभी संसाधन खत्म हो गए। यह ऐसे समय हुआ था जब मानसून के दौरान भारत और चीन के बीच 73 दिन तक डोकलाम गतिरोध चला था। ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत से शुरू होती है और फिर अरुणाचल प्रदेश पहुंचती है जहां इसे सियांग कहा जाता है। इसके बाद यह असम पहुंचकर ब्रह्मपुत्र हो जाती है तथा फिर बांग्लादेश के जरिए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।