अल्मोड़ा: भाई बहन के अटूट रिश्ते, प्यार और समर्पण के त्यौहार रक्षाबन्धन का हिन्दु धर्म में अपना विशेष महत्व है। धर्मग्रंथों के अनुसार इस त्यौहार की शुरूआत छह हजार साल से भी पहले होने के प्रमाण हैं। इससे जुड़ी पौराणिक कथाओं की डोर देवराज इंद्र से लेकर भगवान श्री कृष्ण और पांडवों से लेकर राजा महाराजाओं तक जुड़ती है।
इस त्यौहार को बड़ी धूम-धाम के साथ मनाते हैं। रक्षाबन्धन भाई बहनों का महापर्व है। जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण में मनाए जाने के कारण इसे श्रावणी या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्व है। इधर, अल्मोडा में भी रक्षाबन्धन का त्यौहार धूम धाम से मनाया गया। रक्षाबन्धन के दिन घरों में कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं। रक्षाबन्धन भाई बहन के प्रेम ही नहीं बल्कि, विश्वास का त्यौहार है। इस दिन बहन अपने भाई के सिर पर तिलक लगार उसकी लंबी उम्र की कामना करते हुए उसकी कलाई पर रक्षासूत्र यानि राखी बांधती है। उधर पिथोरागढ़ में भी राखी का त्यौहार धूम-धाम से मनाया गया। साथ ही परदेश के दुसरे हिस्सों में भी रक्षाबंधन का त्यौहार हर्षौल्लास के साथ मनाया गया।